By Jyoti Sohi
Published Mar 28, 2025
दिनों दिन जीवन में बढ़ने वाली व्यस्तता के कारण अधिकतर लोग सिर दर्द, झनझनाहट और ऐंठन ऐसे लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। इसके चलते नर्वस सिस्टम में खराबी बढ़ने लगती है, जिसका असर मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और मासंपशियों पर दिखने लगता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि हमारा शरीर सभी गतिविधियों के लिए नर्वस सिस्टम पर निर्भर रहता है। जानते है, नर्व डैमेज के कुछ संकेत।
अचानक और तेज सिर दर्द
अचानक से सिर मे तेज़ दर्द नर्व डैमेज की ओर इशारा करता है। सिरदर्द के साथ चक्कर आना और बेहोशी महसूस होना नर्वस सिस्टम में आने वाले बदलावों की ओर इशारा करता है। इसके चलते शरीर में संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। बार बार इस समस्या से ग्रस्त होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
शरीर का तालमेल नहीं बैठा पाना
शरीर में संतुलन को बरकरार रखने के लिए के सभी अंगों के साथ तालमेल बैठाने के लिए मस्तिष्क की नसों का सही तरह से काम करना आवश्यक है। ऐसे में सीधा खड़े होने या खड़े होकर चलने और किसी चीज़ को उठाने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ये चीजें नर्व डैमेज को दर्शाती हैं।
हाथ–पैर सुन्न हो जाना
कभी टांगों, कभी हाथों और कभी पैर के सुन्नता बढ़ने लगती है। इससे चुभन महसूस होती है और झनझनाहट का भी सामना करना पड़ता है। इससे नर्व में बढ़ने वाली कमज़ोरी का संकेत मिलता है। देर तक बैठने से सुन्नता बढ़ने लगती है। नर्व की बेहतरीन फंक्शनिंग के लिए इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने से बचना चाहिए।
देखने में तकलीफ बढ़ना
ऐसी स्थिति में कुछ लोगों को वीजुअल ब्लैक आउट और वीजुअल डिस्टर्बेंस का सामना करना पड़ता है, जो नर्व डैमेज का लक्षण है। इसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी कहा जाता है। ऐसे में अधिकतर लोगों की आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है और डबल विजुअल दिखने लगते हैं।
अधिक पसीना आना
नर्व डैमेज में स्वैटिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को बार बार और ज्यादा पसीना आने लगता है। इसके चलते हाथों, चेहरे, अंडरआर्म और पैरों के तलवों पर पसीने की समस्या बनी रहती है। ऐसे लोगों में तनाव का स्तर भी बढ़ने लगता है।
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