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By Smita Singh 

Published March 24, 2022

 इस नवरात्रि मन की शांति भंग करने वाली इर्ष्या पर लगाएं लगाम, मददगार होंगे ये 5 उपाय।

ईर्ष्या के कारण रिश्तों के प्रति असुरक्षा की भावना आती है। इसके कारण हमारे मन में किसी ख़ास रिश्ते को खोने का डर समा सकता है।

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असुरक्षा है इसकी जननी

निगेटिव भावों के प्रति जागरुकता लायें। मन में किसी के प्रति इर्ष्या भाव आये, इनसे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक होने की कोशिश करें।

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ईर्ष्या को पहचानें

किसी से आगे निकलने की होड़ में आप कुछ गलत कदम भी उठा सकती हैं। इसके कारण आपका मन अशांति और आशंकाओं से भर सकता है।

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मन को अशांत करती है ईर्ष्या

इर्ष्या भाव आने पर उसे तुरंत नोट करें। उसके बगल में पॉजिटिव विचार लिखें। नियमित रूप से इसका अभ्यास करें।

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एंग्जाइटी  को दूर करता है लिखना

इसके कारण आपको सिरदर्द, चेस्ट पेन, हाई ब्लड प्रेशर और दिल का जोर-जोर से अचानक धड़कने लगना जैसी बीमारी हो सकती है।

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आप बीमार पड़ने लगती हैं

जैसे ही मन में इर्ष्या की भावना आये, कुछ कदम चल लें। कपालभाति जैसे योग और एरोबिक एक्सरसाइज निगेटिव इमोशंस को दूर भगाते हैं।

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योग और एक्सरसाइज करें

दूसरे के प्रति इर्ष्या भाव रखने पर आपको बात-बात पर गुस्सा आ सकता है। लगातार तनाव एंग्जाइटी और डिप्रेशन को बढ़ावा देते हैं।

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एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या

सांसों पर नियन्त्रण बुरे मनोभावों से हमारा बचाव करते हैं। अनुलोम विलोम प्राणायाम नियमित रूप से करने पर इर्ष्या के भाव समाप्त हो जायेंगे।

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प्राणायाम की लें मदद

इर्ष्या भाव होने पर अपने खुद पर अधिक ध्यान लगायें।  यह माइंडफुलनेस है। इससे जेलसी की फीलिंग को स्वीकार करने और खुद को ऑब्जर्व करने का मौका मिलेगा।

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माइंडफुलनेस को आजमाएं