By Jyoti Sohi
Published Apr 07, 2025
मां बनने के साथ महिलाओं को जीवन में कई नए अनुभवों से होकर गुज़रना पड़ता है और उन्हीं में से एक है बच्चों में बढ़ने वाली नैपी रैश की समस्या। गर्मी के मौसम में देर तक डाइपर न बदल पाने या स्किन की संवेशनशीलता इस समस्या का कारण बन जाती है। इससे बच्चे को उठने बैठने और सोने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। जानते है नैपी रैश से राहत पाने के उपाय।
मॉइस्चराइजिंग लोशन का इस्तेमाल करें
त्वचा की प्राकृतिक नमी को बनाए रखने के लिए बच्चों को मॉइस्चराइजिंग लोशन अवश्य लगाएं। बच्चे की त्वचा के अनुकूल उसे नहलाने के बाद पूरी बॉडी को मॉइस्चराइज करें। इससे नमी को रीस्टोर करने में मदद मिलती है। दिन में दो बार स्किन पर लोशन लगाएं। इससे रैशेज का जोखिम कम हो जाता है।
तेल से करें मसाज
एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर नारियल का तेल त्वचा पर बढ़ने वाले रूखेपन को कम करके स्किन सेल्स को बूस्ट करने में मदद करता है। नैपी रैश को जल्द ठीक करने के लिए उस पर ऑयल मसाज करें। इससे स्किन मुलायम होने लगती है और लालिमा में कमी आ जाती है।
सुगंधित उत्पादों के इस्तेमाल से बचें
बाजार में कई तरह के उत्पाद मौजूद हैं, लेकिन सभी शिशु की त्वचा के मुताबिक उचित नहीं हैं। फ्रेगरेंस के चलते शिशुओं की स्किन पर रैशेज़, लालिमा, सूजन और खुजली बढ़ने लगती हैं। ऐसे में सुगंधित और आर्टिफिशल कलर वाले शिशु त्वचा उत्पादों का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें।
टाइट कपड़े पहनाने से बचें
बच्चे को नैपी रैश से बचाने के लिए हल्के और ढ़ीले कपड़े पहनाएं। इससे मॉइश्चर एकत्रित होने का जोखिम कम हो जाता है और स्किन ब्रीदएबल बनी रहती है। इसके अलावा बच्चे की नैपी का साइज़ भी ग्रोथ से साथ बढ़ाते जाएं, ताकि रैशेज से बचा जा सके।
नैपी फ्री टाइम जरूर सेट करें
कपूर के इस्तेमाल से स्कैल्प के संक्रमण तथा गंध से छुटकारा पाने में मदद मिलता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती है, जो गंध का कारण बनने वाले बैक्टीरिया से छुटकारा पाने में मदद करती हैं और स्कैल्प को गंध मुक्त रखती है। कपूर को कोकोनट ऑयल में मिला लें, फिर इसे अपने स्कैल्प पर अप्लाई करें, 30 मिनट बाद बालों में शैम्पू कर लें।
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