By Yogita Yadav
Published Feb 14, 2025
हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में आपको अपने दिल का हाल पता होना बेहद जरूरी है। दिल की समस्याओं के बारे में पता करने के लिए कई जांच और टेस्ट हैं, जो समय रहते आपको गंभीर खतरों से बचा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट
ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की जांच करने के लिए कोलेस्ट्रॉल टेस्ट या लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल दिल की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता नहीं है, इससे नसों में ब्लॉकेज, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल से जुड़े अन्य रोगों का खतरा होता है।
ट्रेडमिल टेस्ट
इस टेस्ट को करने के लिए मरीज को ट्रेडमिल पर चलाया या दौड़ाया जाता है, और इसके साथ ही उसके दिल की धड़कन और सांस लेने की गति की निगरानी की जाती है। जिससे ये पता लगता है कि दिल को पर्याप्त ब्लड मिल रहा है या नहीं।
इकोकार्डियोग्राफी
ये एक सामान्य अल्ट्रासाउंड है, जिससे हार्ट की गतिविधि के बारे में पता चलता है। ये परीक्षण हार्ट वॉल्व के फंक्शन और हार्ट के ओवरऑल फंक्शन की जांच करने के लिए किया जाता है। इसे करने के लिए साउंड वेब का इस्तेमाल किया जाता हैं।
ट्रान्ससोफेगल इकोकार्डियोग्राफी या टीईई
हार्ट वॉल्व के फंक्शन में परेशानी या किसी प्रकार की बीमारी और हार्ट में ब्लड क्लॉट का पता लगाने के लिए ये जांच की जाती है। इस टेस्ट में हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेब अल्ट्रासाउंड का यूज करके हार्ट और आर्टरीज की तस्वीरें बनाई जाती हैं।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी
इसे दिल की धड़कन और हार्ट अटैक की जांच करने के लिए यह किया जाता है। इसमें धड़कन की गतिविधि को मापा जाता है। इसे इलेक्ट्रिकल वेब की सहायता से किया जाता है।
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग या एमआरआई
रेडियोफ्रीक्वेंसी वेब की सहायता से हार्ट स्ट्रक्चर , हार्ट मसल्स के अंदर स्कार टिश्यू और हार्ट वॉल्व सही से काम कर रहे हैं या नहीं पता लगाया जाता है।
सीटी स्कैन
हार्ट और ब्लड वेसल्स की समस्याओं और कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। जिससे ये जानकारी भी होती है कि स्ट्रोक से ब्रेन के ब्लड वेसल्स प्रभावित हुए हैं या नहीं।