By Anjali Kumari
Published Jan 13, 2025
मकर संक्रांति के अवसर पर तिल, गुड़, खिछड़ी, चिवड़ा आदि खाने की परंपरा सालो से चली आ रही है। बिहार, झारखंड जैसी कुछ राज्यों में मकर संक्रांति के दिन चिवड़ा, दही और गुड़ खाने का रिवाज है। यह कॉम्बिनेशन बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। वहीं इसका सेवन आपके समग्र सेहत को कई रूपों में फायदे प्रदान कर सकता है। तो क्यों न आप सभी इसे ट्राई करें।
क्या है दही–चूड़ा और गुड़ खाने का सही तरीका
बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस ग्लूटेन-मुक्त व्यंजन को नाश्ते के रूप में खाया जाता है। इस व्यंजन को गैस पर पकाने की आवश्यकता नहीं होती। इसे बनाने के लिए चूड़ा यानि की चिवड़ा को पानी में धो लेना है, फिर उसमें दही और गुड़ मिलाएं। अब इसे एन्जॉय करें, आप चाहें तो इसे ब्रेकफास्ट में या लंच में भी ले सकते हैं।
पचाने में आसान
चिवड़ा जिसे पोहा भी कहते हैं, यह पेट भरने वाला भोजन है, लेकिन पचाने में भी आसान होता है। ब्रेकफास्ट के रूप में दही के साथ खाने से न केवल आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है, बल्कि पाचन तंत्र के लिए इसे पचाना भी आसान हो जाता है, और यह तुरंत ऊर्जा भी देता है।
फाइबर से भरपूर
बिना प्रोसेस किए हुए पोहा में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन प्रक्रिया को बेहद आसान बना देते हैं। इस प्रकार ये आसानी से पच जाते हैं, और आपके शरीर में अवशोषित हो जाते हैं।
लो कैलोरी डाइट है
जो लोग अपने नाश्ते में ज़्यादा ऊर्जा लेकिन कम कैलोरी चाहते हैं, उनके लिए दही चूड़ा एक स्वास्थ्य विकल्प रहेगा। दही के साथ एक कटोरी चपटा चावल में अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के साथ-साथ केवल 300 कैलोरी होती है।
खराब पेट को शांत करे
बिहार और यूपी में, दस्त को नियंत्रित करने के लिए अक्सर इस व्यंजन सबसे पहले दिया जाता है। हल्का और पचने में आसान, यह एक ऐसा व्यंजन है जो पाचन तंत्र को शांत करता है और पेट को ठंडा करता है।
आयरन की गुणवत्ता
यह सुझाव दिया जाता है कि गर्भवती महिलाओं को यह कॉम्बो जरूर खाना चाहिए। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन होता है, जो प्रेगनेंसी में एनीमिया के जोखिम को कम कर देता है।
इंस्टेंट ब्रेकफास्ट है
दही चूड़ा को गैस पर पकाने की आवश्यकता नहीं होती आप इसे कुछ मिनटों में तैयार कर ब्रेकफास्ट में एन्जॉय कर सकती हैं। अगर आप सुबह जल्दबाजी में होती हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।