Healthshots
By Kartikey Hastinapuro
Published Sep 23, 2023
आजकल युवा सफलता के पीछे भागने लगते हैं, लेकिन सिर्फ थोड़े ही समय में वे थक जातें हैं और हार मान लेते हैं। गणेश जी ऐसी ही परिस्थिति में हमे धैर्य और समय का महत्व सिखाते हैं।
गणेश जी का मुख विशेष ध्यान केंद्र में होता है, जो समर्पण की भावना को दर्शाता है। हमें यह सिखाते हैं कि किसी भी कार्य में समर्पण और संवेदनशीलता यानी सेंसटिविटी होना ही सफलता की कुंजी हैं।
गणेश जी को ज्ञान और बुद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, गणेश जी के आदर्शों से हमें हमेशा शिक्षा और ज्ञान के महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहन मिलता है, जिससे हम एक बेहतर 'ह्यूमन बीइंग' बन सकतें हैं।
गणेश जी के चारों हाथों में अलग अलग आयुध यानी हथियार होते हैं, जो हमें यह बताते है कि हममें हर मुश्किल को पार करने की ताकत और साहस होता है, बस हमें उन्हें अच्छे से समझना होता हैं।
आजकल के भाग-दौड़ वाली दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जिन्हे अपने मां-बाप से बात करने और उनसे मिलने का ही समय नहीं हैं। गणेश जी से हमें सीख मिलती हैं कि चाहे आप कितने बड़े और हाई लेवल पर क्यों न पहुँच जाएं, माता-पिता से बढ़कर कोई नहीं हो सकता।
पारिवारिक होने के साथ-साथ गणेश जी हमें सामाजिक होने की शिक्षा भी देते है। जितना महत्वपूर्ण हमें अपने घर के लोगों का आदर करना होता है, उतना ही महत्वपूर्ण हमें बाहर के लोगों का आदर करना भी ज़रूरी है।
गणेश जी से हमें अपने कर्तव्य करने की शिक्षा मिलती है। भगवान गणेश के अनुसार कर्तव्यपरायण होने से बड़ा गुण कोई और नहीं हैं, इसलिए हमें अपने कामो और उत्तरदायित्वों को तवज्जों देनी चाहिए।
किसी के लिए हमें अपने दिल में खटास नहीं रखनी चाहिए। आजकल लोग आपस में लड़ते हैं और जीवन भर मुंह फुलाएं रहते हैं, इसलिए हमें गणेश जी से क्षमा करना भी सीखना चाहिए ।
गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है, जिसका मतलब है कि वे समस्याओं के समाधान करने में सक्षम हैं। हमें समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने के लिए साहस और स्मार्ट दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।