Healthshots
By Kartikey Hastinapuri
Published Seo 12, 2023
हल्दी का आयुर्वेदिक चिकित्सा में विशेष महत्व है, और इसे जोड़ों के दर्द, पेट की समस्याएं, त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है।
हल्दी में मौजूद कुछ अद्भुत गुण मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। इसके साथ ही हल्दी तनाव और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम भी कम करती है।
हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसमें कई ऐसे गुण भी होते हैं, जो गर्भवती महिलाओं के इम्यून सिस्टम को स्थायी बनाने में मदद करते हैं जिससे मां और बच्चे को किसी भी बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है।
हल्दी में मौजूद क्यूक्यूमिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया के जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करते हैं लेकिन इसके अधिक सेवन से आपको और समस्याएं भी हो सकती है, इसलिए सीमित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए।
हल्दी का उपयोग हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय की सुरक्षा में मदद करता है। इसलिए इसे दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
हल्दी स्किन की देखभाल में मदद करने के लिए एक प्राकृतिक और असरकारक उपाय है। यह त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करती है और उसका रंग निखारती है।
हल्दी के एंटी- वायरल गुण होते है जो इंफ्लुएंजा और सर्दी-जुकाम जैसे वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं साथ ही इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर को तमाम रोगों से लड़ने की शक्ति भी देते हैं।
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं। साथ ही हल्दी और दूध का मिश्रण खांसी, जुकाम और गले में दर्द के इलाज के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
गर्म पानी में अगर आप हल्दी मिलाकर पीते हैं, तो यह आपके गले की सूजन और गले की खराश को जड़ से खत्म कर सकता है। इसके साथ ही ये वायरल इंफेक्शन को भी दूर रखता है।
यह एक प्राचीन और प्राकृतिक तरीका है जिसको अनेक स्वास्थ्य लाभाें के लिए जाना जाता है। हल्दी के दूध में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं और रोगों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।