Healthshots
By Jyoti Sohi
Published Mar 26, 2024
रोज़ाना सूर्य नमस्कार की मुद्राओं का प्रयास करने से शरीर में बढ़ने वाली स्टिफलेस से राहत मिलती है। पीठ, गर्दन व कमर में बढ़ने वाले दर्द को कम करने के लिए नियमित तौर पर इसका प्रयास करें।
योगासनों का अभ्यास करने से पेट की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। इससे शरीर स्वस्थ और हेल्दी रहता है। साथ ही अपच, ब्लोटिंग, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याएं दूर होने लगती है।
इन योगासनों को नियमित तौर पर करने से मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है। इससे मानसिक तनाव को दूर कर नींद न आने की समस्या को हल किया जा सकता है। इसके अलावा शरीर में हैप्पी होर्मोन रिलीज़ होते हैं।
शरीर में बढ़ने वाले वज़न को कम करने में सूर्य नमस्कार बेहद मददगार साबित होता है। इसे करने से शरीर में जमा होने वाली अतिरिक्त कैलोरीज़ की समस्या से बचा जा सकता है। इसे नियमित तौर पर करने से वेटगेन मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है और वेट को कम करने में मदद मिलती है।
सूर्य नमस्कार से शरीर को विटामिन डी की प्राप्ति होती है। रोज़ाना इसका अभ्यास करने से शरीर में ऊर्जा के स्तर में सुधार आने लगता है और शरीर का स्टेमिना बूस्ट होने लगता है। इससे कार्य करने की क्षमता भी बढ़ने लगती है।
नियमित तौर पर सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से नींद न आने की समस्या हल हो जाती है। इससे दिनों दिन बढ़ने वाले तनाव से मुक्ति मिलती है और मस्तिष्क को शांति और सुकून की प्राप्ति होती है।
वे लोग जो सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते हैं, उनके शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है। इससे हड्डियों में दर्द व ऐंठन की समस्या से मुक्ति मिल जाती है। शरीर में लवीलापन बढ़ता है और चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।