क्या आप जानती हैं शिवरात्रि पर इस्तेमाल होने वाली भांग के सेहत लाभ?
भारत में शिवरात्रि के अवसर पर विशेष रूप से भगवान शिव को भांग की पत्तियां अर्पित की जाती हैं। वहीं कुछ लोग इस अवसर पर भांग की ठंडाई या अन्य व्यंजन भी खाना पसंद करते हैं। भक्त भले ही इसे भोले का प्रसाद कहें, लेकिन आयुर्वेद में इसे औषधि के तौर पर मान्यता दी गइ है।
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भांग को कैनबिस सैटिवा पौधे की कलियों का पेस्ट बनाकर तैयार किया जाता है। इसके लिए पत्तियों को भिगोकर उनका पेस्ट तैयार किया जाता है। भांग ब्रेन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। इसे खासतौर से अपने साइकोएक्टिव इफेक्ट के लिए जाना जाता है।
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कान दर्द से दिला सकती है राहत
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हालांकि भांग को मेडिसिन के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह केवल विशेषज्ञों को ही दी जाती है। आयुर्वेद विशेषज्ञ मानते हैं कि भांग की पत्तियों के रस को कान में डालने से कान दर्द की समस्या से राहत मिलती है।
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कम करती है जोड़ों का दर्द
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आयुर्वेद में ही इसे रूमेटोइड गठिया में होने वाले जोड़ों के दर्द का भी उपचार माना गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, जोड़ों के दर्द के साथ ही यह शरीर में होने वाले क्रोनिक पेन यानी पुराने दर्द से भी छुटकारा दिला सकती है।
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जख्म का इंस्टेंट उपचार है
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जो लोग जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल जानते हैं, उन्हें पता है कि भांग की पत्तियां किसी जख्म पर इंस्टेंट उपचार के रूप में इस्तेमाल की जा सकती हैं। इसके लिए पत्तियां धूप में सुखाकर पीस लें। उसके बाद उन्हें किसी भी जख्म या चोट पर लगाने से राहत मिलती है।
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नींद न आने की समस्या
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अगर आपको भी रातभर नींद नहीं आती है। इसके लिए भांग के तेल की कुछ बूंदों को पैरों के तलवों पर लगाएं और मालिश करें। इससे पैरों को ब्लड सर्कुलेशन सुचारू होगा और नींद भी आएगी।