Healthshots
By Anjali Kumari
Published 11th Mar, 2024
थकान, मसल्स टेंशन, सिर दर्द, नींद की कमी जैसे इनसोम्निया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे की डायरिया और कब्ज, स्किन प्रॉब्लम्स जैसे की एक्ने ब्रेकआउट, आदि। वहीं कुछ लोगों में वर्क स्ट्रेस हिट करने पर इरेगुलर हार्टबीट देखने को मिल सकती है।
डिप्रेशन महसूस होना, एंजाइटी, हताश महसूस होना, हमेशा इरिटेटेड रहना, खुदको कम आंकना और खुदमें कमियां निकालना। वर्क स्ट्रेस बढ़ जाने पर कुछ लोगों में यादाश्त संबंधी समस्या भी देखने को मिल सकती है, जैसे चीजों को याद न रख पाना या चीजों पर फोकस करने में परेशानी आना।
वर्क स्ट्रेस के कारण अधिक गुस्सा आना सबसे कॉमन है। इसके अलावा प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी में कमी आ जाना। वहीं ऐसे लोगों को बीमार पड़ने पर ठीक होने में समय लगता है, साथ ही इंटरपर्सनल रिलेशनशिप में समस्याएं होने लगती हैं। इतना ही नहीं व्यक्ति का टॉलरेंस, फ्रस्ट्रेशन और इंपेशेंस का स्तर कम हो जाता है। साथ ही व्यक्ति खुदको एकांत कर लेता है।
अगर आप वर्क स्ट्रेस में हैं तो सबसे जरूरी है स्ट्रेस ट्रिगर्स को पहचानना। ये समझने की कोशिश करें की आपके ऑफिस में कौन सी चीज आपको ट्रिगर कर रही है। अब इन चीजों पर काम करें या उनसे दूरी बनाना मुमकिन हो तो दूरी बना लें। इस प्रकार आपको स्ट्रेस ट्रिगर्स परेशान नहीं करेंगे, और आपके तनाव का स्तर भी कम हो जायेगा।
काम के बीच में कभी कभार ब्रेक लेना जरूरी है। लंबे समय तक लगातार काम करते हुए व्यक्ति मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो जाता है, ऐसे में सबको काम के हर 2 से 3 घंटे के अंतराल पर एक छोटा ब्रेक लेना चाहिए। आप चाहें तो इस ब्रेक में अपने किसी एंप्लॉय से बात कर सकती हैं, या कहीं वॉक कर आ सकती हैं। इससे आपके उपर एक साथ मेंटल बर्डन नहीं पड़ता और आप बेहतर महसूस करती हैं।
वर्क स्ट्रेस का एक सबसे बड़ा कारण है पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को एक साथ मिक्स कर देना। ऐसे में इंसान अधिक बर्नआउट हो जाता है, और स्ट्रेस मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को एक दूसरे से अलग रखें, इससे आपके लिए दोनो के स्ट्रेस को बैलेंस करना आसान हो जायेगा।
ऑफिस में काम के अलावा आपको अपने टीममेट्स के साथ बॉन्डिंग एस्टेब्लिश करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे आपको काम के तनाव से डील करने में आसानी होगी। जब आप परेशान होती हैं, या आपको किसी भी काम को लेकर स्ट्रेस होता है, तो इस स्थिति में आप अपने टीममेट्स से बात कर सकती हैं, साथ ही उनसे मदद ले सकती हैं। इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य संतुलित रहेगा।
वर्क स्ट्रेस को अवॉइड करने और खुदको मानसिक रूप से संतुलित रखने के लिए कुछ रिलेक्सेशन टेक्निक सीखें और इनमें पार्टिसिपेट करें। नियमित रूप से मेडिटेशन करने की आदत बनाएं, इसके अलावा अपने अनुसार मेंटल हेल्थ को स्थापित करने के लिए, ऑफिस में या ऑफिस के बाद कुछ देर खुले वातावरण में वॉक करने की आदत बनाएं। वहीं यदि आपको किसी अन्य गतिविधि से शांति मिलती है, तो आप उसे भी आजमा सकती हैं।