Healthshots
By Anjali Kumari
Published Aug 02, 2023
एवोकाडो लॉरेल परिवार का एक मीडियम आकार का एवरग्रीन पेड़ है। मूल रूप से यह अमेरिका में पाया जाता है और इसे 5,000 साल पहले मेसोअमेरिका में कल्टीवेट किया गया था। भारत में एवोकाडो श्रीलंका द्वारा इंट्रोड्यूस हुआ था। हालांकि, अभी इसे भारत के कुछ हिस्से जैसे कि तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, साउथ सेंट्रल इंडिया और ईस्टर्न हिमालयन स्टेट जैसे कि सिक्किम में उपजाया जा रहा है।
एवोकाडो प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, विटामिन B5 विटामिन B6, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फॉलेट, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कॉपर, मैंगनीज, जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। ये सभी पोषक तत्व आपकी सेहत के लिए अनिवार्य और फायदेमंद हैं।
एवोकाडो खरीदते वक्त इसके छिलके की रंगत का ध्यान रखें। ऐसे एवोकाडो की तलाश करें जिसका रंग गहरा हरा या लगभग काला हो। हल्के हरे रंग का होने पर यह फल कच्चा हो सकता है।
एवोकाडो की सॉफ्टनेस जांचने के लिए इसे अपनी उंगलियों से पोक न कर अपने हाथ की हथेली में पकड़ें और धीरे से दबाएं। अगर यह दब जता है, तो यह पका हुआ है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो इसे पकने के लिए कुछ और दिनों की आवश्यकता हो सकती है।
अगर एवोकाडो में बड़े दाग या चोट के निशान हैं, स्किन क्लीन नहीं है या अधिक नरम हैं, तो इसे खरीदने से बचें! यह संभवतः अधिक पका हुआ हो सकता है और एक से 2 दिनों में खराब हो जाएगा।
यदि आप अगले 1-2 दिनों के भीतर उनका उपयोग करने वाली हैं, तो बताए गए सुझाव के हिसाब से एवोकाडो का चयन करें। वहीं यदि आप 3 से 5 दिन इसे स्टोर करके रखना चाहती हैं, तो ऐसा एवोकाडो चुनें जो अभी हल्का हरा हो।
एक अच्छे एवोकाडो की जांच करने के लिए फल के ऊपर मौजूद डंडी को बिल्कुल हल्के हाथों से दबाएं। यदि यह आसानी से दबकर अपने आकार में वापस आ जाता है, तो एवोकाडो खाने के लिए तैयार है। इसके अलावा एवोकाडो के तने को हल्का सा झटकायें, यदि यह पका रहेगा तो तना निकल आएगा यदि नहीं निकलता तो एवोकाडो अभी कच्चा है। इसे कुछ दिनों तक पकने की आवश्यकता है।