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By Sandhya Singh

Published Jan 09, 2024

Millets for Diabetes : डायबिटीज को रिवर्स कर सकता है बाजरा, जानिए ये कैसे काम करता है

बाजरा एक देसी और आसानी से उगाया जा सकने वाला अनाज है। इन दिनों दुनिया भर में बाजरा के स्वास्थ्य लाभों पर बात हो रही है। विशेषज्ञ इसे डायबिटीज यानी मधुमेह में बहुत फायदेमंद मानते हैं। आइए जानते हैं कैसे।

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डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आपको अपने पसंदीदा आहार को छोड़ने की जरूरत नहीं है, बल्कि जरूरत है सही और संतुलित आहार को चुनने की। ऐसा ही एक सुपरफूड है बाजरा। असल में बाजरा प्रोटीन से भरपूर अनाज है और इंसुलिन संवेदनशीलता को ठीक रखता है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को अपने आहार में बाजरा शामिल करने की सलाह दी जाती है।

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बाजरा में मध्यम मात्रा में प्रोटीन होता है, जो इन्हे प्लांट बेस्ड प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, ये आहार फाइबर का भी एक अच्छा स्रोत है। बाजरे में आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्व और नियासिन और थायमिन जैसे विटामिन बी होते हैं।

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सबसे पहले जानिए बाजरा का पोषण मूल्य

डायबिटीज एक पुरानी समस्या है जहां अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन, इंसुलिन के अप्रभावी उपयोग या दोनों के कारण ब्लड शुगर का स्तर लगातार उच्च बना रहता है। अगर आपका चायपाचय ठीक तरह से ग्लूकोज को संसाधित नहीं करेगा तो इससे हार्ट का समस्या, किडनी की समस्या भी हो सकती है।

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क्या है डायबिटीज की समस्या

बाजरा अपने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण शुगर को कंट्रोल करता है, जिससे रक्तप्रवाह में ग्लूकोज धीरे रिलीज होता है। फाइबर के कारण शुगर के अवशोषण को नियंत्रित किया जाता है और स्पाइक को रोकता है।

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जानिए शुगर को कैसे कंट्रोल करता है बाजरा

इंसुलिन वह हार्मोन है जिसका उपयोग शरीर कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने के लिए करता है। कभी-कभी बाजरा खाने से ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन लंबे समय तक अपने आप को डायबिटीज से मुक्त रखना चाहते है तो उन्हें नियमित आहार के हिस्से के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।

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इंसुलिन को नियंत्रण में रखता है

गेहूं या चावल जैसे रिफाइंड अनाज की तुलना में बाजरे का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। इसका मतलब है कि वे अधिक धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे रक्तप्रवाह में ग्लूकोज धीरे-धीरे रिलीज होता है। यह भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि से बचने में मदद कर सकता है।

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ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है

बाजरे में फाइबर का मात्रा अधिक होती है। यह शरीर में पाचन को धीरे करके शर्करा को अवशोषण को नियंत्रित करता है। जब आप खाना खाते है तो ये आपको शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढने से रोकता है। यह आपके वजन को बढ़ने से भी रोकता है जो डायबिटीज का सबसे बढ़ा कारण है।

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हाई फाइबर वज़न बढ़ने से रोकता है

कुछ बाजरा ग्लूटेन फ्री होता है जैसे की रागी। बाजरा की ग्लूटेन फ्री किस्में सीलिएक रोग और डायबिटीज जैसे रोगियों के लिए अच्छे होते है। सीलिएक रोग डायबिटीज के साथ आपको परेशान कर सकता है। इसमें आपके लिए ग्लूटेन फ्री अनाज फायदेमंद हो सकता है। बाजरा ऐसा ही एक ग्लूटेन फ्री अनाज है।

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ग्लूटेन फ्री होता है बाजरा

बाजरा में मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो इंसुलिन के स्राव और ग्लूकोज रेगुलेट करने में भूमिका निभाते हैं। वे समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद विटामिन और खनिजों से भी भरपूर होते है। इसे सेवन से आप शूगर के स्पाइक को रोक सकते है।

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मैग्नीशियम करता है शुगर स्पाइक को कंट्रोल