मेनोपॉज के कारण कई स्किन प्रॉब्लम होने लगती हैं। सही स्किन केयर से इन्हें दूर किया जा सकता है।
स्किन सैगिंग (Skin Sagging) : मेनोपॉज के कारण त्वचा कोलेजन का लगभग 30% खो देती है। जैसे-जैसे कोलेजन कम होता है, स्किन की कसावट (Firmness) खोती जाती है।
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एक्सरसाइज और लाइफ स्टाइल में बदलाव : एक्सरसाइज करें। जीवनशैली में बदलाव जैसे सनस्क्रीन का प्रयोग या अधिक हाइड्रेटेड रहें।
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झुर्रियां (Wrinkles) : मेनोपॉज सेलुलर एजिंग को बढ़ा देती है। इससे एस्ट्रोजेन लेवल कम हो जाता है और रिंकल्स होने लगते हैं।
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मॉइस्चराइजर का अधिक प्रयोग : हाइलूरोनिक एसिड या ग्लिसरीन वाला मॉइस्चराइजर लगायें। त्वचा अधिक रूखी लगती है, तो स्किन एक्सपर्ट से मिलें।
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स्किन लम्प (Skin Lumps) : मेनोपॉज में एस्ट्रोजन लेवल में बदलाव आ जाता है। इससे स्किन रेडनेस, बम्प, लम्प और खुजली के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है।
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विटामिन सी वाले फ़ूड लें : विटामिन सी और सल्फर से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं। लाल मिर्च, स्ट्रॉबेरी और साइट्रस फ़ूड विटामिन सी से भरपूर हैं। ब्रोकली, फूलगोभ, लहसुन सल्फर युक्त हैं।
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पिगमेंटेशन (Skin Pigmentation) : कुछ महिलाओं को चेहरे पर अधिक पिगमेंटेशन का अनुभव होता है। यह हार्मोनल चेंज और सन एक्सपोज़र के कारण होता है।
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सन एक्सपोजर से बचाव : हाइड्रोक्विनोन क्रीम और सन एक्सपोजर से बचाव करें। हाई एसपीएफ़ सनस्क्रीन (50 या अधिक) का उपयोग बंद करने से यह दूर हो सकता है।
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स्किन ड्राईनेस (Skin Dryness) : हार्मोन लेवल कम होने पर स्किन ड्राई हो सकती है। स्किन को मॉइस्चराइज करती रहें। एक्सफोलिएशन की मदद लें। लेकिन स्किन एक्सपर्ट से जरूर मिलें।