Healthshots
By Smita Singh
Published May 20, 2023
हमारे घरों में हर रोज बनने वाली मसाला चाय कुछ खास हर्ब्स और मसालों को मिक्स करके बनाया जाता है। यह ब्लैक टी से बेहतर है। कॉम्प्लीकेटेड ऑक्सीडेशन के कारण ब्लैक टी स्ट्रोंग स्वाद वाली होती है, जिसमें सिर्फ पानी और चाय पत्ती होती है।
वाइट टी, ऊलोंग टी और हर्बल टी वे खास चाय हैं, जो आपको तरोताजा करती हैं। खास तरह के पोषक तत्वों वाली ये सभी चाय बेहतरीन एनर्जी और इम्यून सिस्टम बूस्टर के रूप में काम करती हैं। ।
चाय में टैनिक एसिड होता है। यह प्रोटीन और आयरन के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। इससे इनका अवशोषण रुक जाता है। इसलिए भोजन या नाश्ते के कम से कम 2 घंटे बाद ही चाय पीना बेहतर होगा।
सुबह या शाम को चाय ली जा सकती है। चाय में कैफीन होता है, जो हमारी ऊर्जा को बढ़ा सकता है। यह पाचन तंत्र के भी अनुकूल है। नाश्ते या किसी भी भोजन के साथ-साथ चाय पीने से बचना चाहिए।
चाय में टैनिन होता है, जो एसिडिटी पैदा करता है। यदि किसी व्यक्ति को गंभीर एसिडिटी है, तो उसे सुबह खाली पेट स्ट्रोंग टी पीने से बचना चाहिए। इसे कम स्ट्रौंग करने के लिए थोड़ा दूध मिला लें।
चाय के शौकीन सुबह उठते ही चाय पीते हैं, फिर शाम में भी पीते हैं। मिलने-मिलाने, बात और विमर्श के लिए भी चाय चाहिए। जबकि एक दिन में किसी को भी 2-3 कप से ज्यादा चाय नहीं पीनी चाहिए।
रात के भोजन के बाद चाय की तलब लगती है, तो हर्बल टी लें। दूध, चीनी और पत्ती वाली चाय नींद खराब करेगीऔर रात भर पेट में एसिड भी बनाएगी। इसकी बजाए कैमोमाइल या रोजमेरी टी जैसी रिलैक्सिंग चाय चुनें।
कड़क चाय का प्याला तैयार करने के लिए लोग इसे खूब उबालते हैं। इसे ज्यादा देर तक उबालना कैंसर कारक भी हो सकता है। धीमी आंच पर चाय बनाएं और टी बैग की जगह खुली पत्तियों का इस्तेमाल करें।
हमारी संस्कृति में मिठास से भरपूर दूध वाली चाय है। पर चाय में ज्यादा दूध और चीनी न डालें। यदि दूध डालना चाहती हैं, तो अंत में गर्म दूध डालें। एक उबाल आने के बाद फ्लेम ऑफ़ कर दें। चाय को लंबे समय तक उबालना हेल्थ के लिए नुकसानदेह है।