Ayurvedic tips to lose weight : आयुर्वेद के ये 6 मंत्र वेट लॉस में हो सकते हैं मददगार
आयुर्वेद, भारत की एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। यह न केवल रोगों से उपचार के बारे में बात करती है, बल्कि उससे भी पहले बचाव के लिए प्रेरित करती है। यहां समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सही आहार और सही दिनचर्या के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जिनमें वजन को कंट्रोल करना भी शामिल है। जब आपका वजन सही होता है, तब आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं। तो चलिए जानते हैं कि वेट लॉस के लिए क्या हैं आयुर्वेद के मंत्र।
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अपनी प्रकृति और शारीरिक दोष की पहचान करें
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हर व्यक्ति अलग होता है। आयुर्वेद व्यक्तियों को तीन दोषों- वात, पित्त और कफ में वर्गीकृत करता है। हर दोष की अपनी एक विशेषता होती है। आपके प्रमुख दोष को समझने से संतुलन को बढ़ावा देने के लिए आपके आहार और जीवनशैली विकल्पों को तैयार करने में मदद मिल सकती है। इसलिए इसकी पहचान करना पहला कदम होना चाहिए।
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ताज़ा और सही तरह से पका हुआ खाना खाएं
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आयुर्वेद ताज़ा, गर्म और पका हुआ खाना खाने की सलाह देता है। यह पचाने में आसान होता हैं और पाचन अग्नि को संतुलित करने में मदद करता है। कच्चे या ठंडे खाद्य पदार्थ पाचन को कमजोर कर सकते हैं, जिससे असंतुलन हो सकता है। कमजोर मेटाबॉलिज्म वजन बढ़ने और लाइफ स्टाइल डिजीज का एक बड़ा कारण है। इसलिए इसका हमेशा ध्यान रखें।
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हर्बल जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करें
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आयुर्वेद विभिन्न जड़ी-बूटियां और मसाले प्रदान करता है जो पाचन में सहायता कर सकते हैं, चयापचय को मजबूत बना सकते है और वजन घटाने में मदद कर सकते है। आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कुछ जड़ी-बूटियों में अदरक, हल्दी, मेथी और त्रिफला शामिल हैं। ये हर्ब्स प्राकृतिक तरीकों से आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर की मदद से आप अपने लिए सही हर्ब चुन सकते हैं।
आयुर्वेद पाचन समस्याओं को रोकने के लिए उचित फूड कॉम्बीनेशन पर जोर देता है। गलत खाद्य पदार्थों के संयोजन से बचें, जैसे फलों के साथ डेयरी या स्टार्च के साथ प्रोटीन। गलत खाद्य पदार्थों को सयोजन करने आपको एलर्जी, फूड पॉयजनिंग जैसी चीजों का कारण बनता है।
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हल्के और सादा खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दें
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यदि आपका कफ असंतुलन है, तो हल्के और सादा खाद्य पदार्थों का चयन करें जो अतिरिक्त कफ को बनने से रोकता है और आपको सुस्ती से बचाता है। यदि आपको पाचन संबंधी कोई समस्या है, तो भी आपको हल्के खाद्य पदार्थों को सेवन करना चाहिए।
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सही रुटीन बनाएं और फॉलो करें
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ऐसी दैनिक दिनचर्या का पालन करें जो आपके दोष के अनुरूप हो। इसमें लगातार समय पर जागना और सोने पर जाना, खुद की देखभाल के नियमों का अभ्यास करना और शारीरिक गतिविधि में शामिल होना शामिल है।