छोटे बच्चे को दस्त हो जाए, तो उस पर ध्यान देना है जरूरी, यहां हैं इससे डील करने के 5 उपाय
शिशु को कई बार दस्त लगने की समस्या हो जाती है। बच्चों में दस्त का कुछ भी कारण हो सकता है। कई बार एंटीबायोटिक्स हल्के दस्त का कारण बनते हैं। यह कोई एलर्जिक प्रतिक्रिया नहीं है। जब बच्चे को मां के दूध के अलावा कुछ दिया जाता है, तो उसका पाचन तंत्र इसके साथ तालमेल बिठाने में थोड़ा समय लेता है। जिसके कारण दस्त हो सकते हैं। ज्यादा दस्त पानी की कमी का कारण भी बन सकते हैं।
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स्तनपान या फॉर्मूला दूध पिलाते रहें
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यदि आपका बच्चा ब्रेस्टफीड करता है, तो जब वो दूध मांगे तो उसे दूध पिलाएं। स्तन के दूध में आवश्यक पोषक तत्व और एंटीबॉडी होते हैं। जो संक्रमण से लड़ने और हाइड्रेशन में मदद कर सकते हैं। यदि आपके बच्चे को फॉर्मूला दूध पिलाया जाता है, तो उसके सामान्य शेड्यूल के अनुसार दूध पिलाना जारी रखें।
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ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस)
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ओआरएस घोल दस्त के कारण खोए हुए तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से वापस लाने में मदद करता है। आप अपने बच्चे को दिन भर में थोड़ी मात्रा में ओआरएस का घोल दे सकती हैं। पैकेज पर दिए गए डोज निर्देशों या बच्चों के डॉक्टर से इस बारे में पूछें।
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समय-समय पर तरल पदार्थ देते रहें
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ओआरएस के अलावा, आप तरल पदार्थ जैसे पानी, पतला फलों का रस (जैसे, सेब का रस), ब्रोथ, या नारियल पानी दे सकते हैं। चीनी युक्त पेय, कैफीनयुक्त पेय पदार्थ, या ऐसी फलों का रस जो पतला नहीं है उन्हें देने से बचें क्योंकि इनसे दस्त की स्थिति खराब हो सकती है।
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थोड़ा पतला और थोड़ा ठोस आहार दें
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एक बार जब आपके बच्चे के दस्त के लक्षण में सुधार दिखने लगें और दस्त ठीक होने लगे, तो आप धीरे-धीरे आधे-ठोस खाद्य पदार्थ जैसे चावल, उबले आलू, केले और सादा दही फिर से शुरू कर सकते हैं। जब तक दस्त पूरी तरह ठीक न हो जाए, मसालेदार, ऑयली या हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
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पेशाब के रंग पर ध्यान दें
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अपने बच्चे के पेशाब करने की मात्रा पर नज़र रखें। यदि आपके बच्चे के डायपर नॉर्मल से कम गीले हो रहे हैं या उसका पेशाब गहरे रंग का है, तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना जरूरी है।