बारिश के मौसम में बहुत आम है पित्ती उभरना, यहां हैं इसके 5 घरेलू उपचार
मानसून में पित्त की समस्या शरीर पर बढ़ने लगती है। ये हाथों, पैरों और उंगलियों पर दिखने लगते है। गर्मी, निर्जलीकरण और हयूमिडिटी बढ़ने से स्किन पर चिपचिपाहट महसूस होने लगती है। इससे स्किन संबधी समस्याएं बढ़ जाती है। दरअसल, ये वायरस के चपेट में आने से होने वाली एक शारीरिक प्रतिक्रिया है। जो बच्चों में सबसे ज़्यादा कॉमन है। जानते हैं इसके घरेलू उपाय।
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टी ट्री ऑयल
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अगर आप पित्ती की समस्या से परेशान है, तो टी ट्री.ऑयल की कुछ बूंदे को काॅटन बाॅल से प्रभावित जगह पर अप्लाई करें। इससे तुरंत राहत मिलने लगती है। एंटी.बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर इस तेल को दिन में दो से तीन बार लगाए।
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एलोवेरा जेल
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शरीर को तुरंत प्रभाव से ठीक करने के लिए एलोवेरा को काटकर ताज़ी जेल निकालें और उसे बाॅडी पर लगाएं। इससे जहां भी पित्ती होती है अपने आप ठीक होने लगती है। जेल को खुजली वाली जगह पर 10 से 15 मिनट तक लगाए रखें।
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नारियल का तेल
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नारियल के तेल में नेचुरल मॉइस्चराइजिंग गुण पाए जाते हैं। इसे ज़रूर अप्लाई करें। इससे शरीर में जहां भी चकत्ते होते हैं। वे अपने आप कुछ देर में ठीक होने लगते हैं। नारियल का तेल त्वचा को नमी प्रदान करता है। इससे स्किन मुलायम और तरोताज़ा रहती है।
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कोल्ड कंप्रेस
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अगर आप खुजली से परेशान है, तो कोल्ड कंप्रेस का प्रयोग कर सकते हैं। इसे कुछ देर प्रभावित जगह पर रखने से शरीर में ठण्डक का एहसास होता है और जलन शांत होने लगती है। इसके अलावा पित्ती अपने आप आकार में कम होने लगती है।
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बेकिंग सोडा
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एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर बेकिंग सोडा स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है। माउथ अल्सर, पीले दांत और मुहांसों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बेकिंग सोडा पित्ती को भी दूर करता है। इसके लिए एक बाउल पानी में बेकिंग सोडा डालकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। उसे फिर पित्ती पर लगाएं। इससे दर्द और खुजली कम होने लगते हैं।