Bed Rotting : जानिए आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है सोशल मीडिया का यह नया ट्रेंड
दिनभर बिना कुछ किए बिस्तर पर पड़े रहने को बेड रोटिंग कहा जाता है। यह समय एक दिन से लेकर सप्ताह का भी हो सकता है। जो इन दिनों खूब चलन में हैं। इसे लेज़ी डे की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता। दरअसल, लेज़ी डे में भी आप काम करते हैं। मगर लेस एक्टिव रहते हैं।
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बेड रोटिंग किसे कहते हैं
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बेड रोटिंग एक सोची समझी एक्टिविटी होती है। इसमें आप देर तक बेड पर लेटकर, म्यूजिक सुनना, मूवी देखना या चैटिंग करते हैं। 2 से 3 घंटे तक बैड पर लेटना सामान्य है। अगर आप 2 से 3 दिन तक लगातार बेड पर ही लेटकर वक्त गुज़ार रहे हैं, तो यह प्रक्रिया बेड रोटिंग कहलाती है।
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मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक
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एक रिसर्च में पाया गया है कि बिस्तर पर देर तक सोना या लेटना भी मूड स्विंग का कारण बन जाता है। इसके चलते आप तनाव में डूब सकते हैं। अगर आप 1 या 2 दिन से ज्यादा बेड रोटिंग कर रहे हैं, तो ये मेंटल हेल्थ को लेकर समस्याएं बढ़ा सकता है।
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लोअर बैक पेन बढ़ने लगता है
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दिनभर बैड पर लेटने से आपकी कमर और बैक बोन पर इसका प्रभाव नज़र आने लगता है। इससे शरीर की मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द महसूस होने लगता है। आपके शरीर में लोअर बैक पेन महसूस होने लगती है। साथ ही शरीर में दर्द बढ़ने लगता है।
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खुद को बीमार महसूस करना
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देर तक लेटे रहने से आपको शरीर के अंगां में दर्द का अनुभव होने लगता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि ऐसा करने से आपका शरीर रिलैक्स फील करता है। अगर आप लगातार कई दिनों तक बेड रोटिंग करती हैं, तो शरीर में कमज़ोरी का अनुभव होने लगेगा और आप खुद को बीमारी महसूस करने लगेंगे।
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बन सकता है सुस्त व्यवहार
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दिनभर बैड पर लेटने से शरीर में सुस्ती आने लगती है। शरीर थकान महसूस करता है, जिसके चलते बैड से उठने का मन नहीं करता है। अगर आप लंबे वक्त के बाद रेस्ट कर रहे हैं, तो सुस्ती और भी बढ़ जाती है। बेड रोटिंग से शरीर अनहेल्दी फील करता है।