हर रोज़ पी रहीं हैं करेले का जूस? तो इन 5 साइड इफैक्ट्स के लिए हो जाएं तैयार
पोषक तत्वों से भरपूर करेला शरीर को कई समस्याओं से बचाता है। विटामिन्स, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन व जिंक से भरपूर करेला डायबिटीज़ और कोलेस्ट्रॉल के खतरे को कम करता है। मगर इसका अत्यधिक और नियमित सेवन शरीर में कई परेशानियां बढ़ा सकता है। इसलिए आपको इसके साइड इफैक्ट्स भी जानने चाहिए।
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पीरियड्स में ब्लड फ्लो का बढ़ना
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करेले के अत्यधिक सेवन से इसमें पाया जाने वाला मोनोचारिन तत्व पीरियड्स के दौराप ब्लड फ्लो को बढ़ा सकता है। गर्भावस्था के दौरान करेले का ज्यादा सेवन गर्भपात की भी वजह बन सकता है।
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वॉमिटिंग और डायरिया का खतरा
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इसमें मौजूद तत्वों से वॉमिटिंग और डायरिया की समस्या बढ़ने लगती है। जिससे करेला दस्त का कारण बन सकता है। इसमें पाए जाने वाले टेट्रासाइक्लिक और ट्राइटरपेनोइड कंपाउड टॉक्सिक होते हैं, जिन्हें कुकुरबिटेसिन के नाम से जाना जाता है।
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बढ़ सकता है हेमोलिटिक एनीमिया का जोखिम
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करेले का अत्यधिक सेवन आसानी से आपको हेमोलिटिक एनीमिया से ग्रस्त कर सकता है। इसके चलते शरीर में कोमा, बुखार, पेट दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण नज़र आने लगते हैं। ऐसे में बीटर गोर्ड को सीमित मात्रा में ही खाएं।
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शुगर लेवल का ज्यादा मात्रा में कम होना
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रेगुलर करेले का जूस पीने और सब्जी को मील में एड करने से शुगर लेवल का स्तर अत्यधिक कम होने की आंशका रहती है। वे लोग जो डायबिटीज के लिए दवाओं के साथ करेला लेते हैं, उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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लिवर डैमेज होने का अंदेशा
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इसका अतिरिक्त उपयोग लीवर एंजाइमों को बढ़ा सकता है जो एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बनता है। इससे आर्टरी वॉल मोटी और कठोर होने लगती है। इससे किडनी और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।