Healthshots
By Anjali Kumari
Published Aug 06, 2023
ब्रेस्टफीडिंग से पहले और ब्रेस्टफीडिंग के बाद हमेशा कॉटन के कपड़े को गीला कर के अपने स्तन को अच्छी तरह साफ करें। यह इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया को दूर रखता है और ब्रेस्ट हेल्थ को बनाए रखता है।
ब्रेस्टफीडिंग के पूरे अंतराल में नहाते वक्त अपने ब्रेस्ट पर केमिकल युक्त साबुन का प्रयोग करने से बचें। स्तन का डार्कर एरिया एक प्रकार का फ्लूइड रिलीज करता है, जो ब्रेस्ट सॉफ्टनेस को मेंटेन रखने के लिए जरुरी है। ऐसे में ब्रेस्ट स्किन ड्राई हो जाती है जो ब्रेस्टफीडिंग के लिए बिल्कुल भी हेल्दी नहीं है।
कभी-कभी ब्रेस्टफीडिंग के दौरान स्तन में दर्द महसूस होना और सूजन आना सामान्य रूप से सभी महिलाओं में देखने को मिलता है। ऐसे में सूती कपड़े को गर्म पानी में डुबोकर सिकाई करें या फिर हॉट बैग का इस्तेमाल करें, इससे दर्द से राहत मिलेगी और सूजन भी कम होगा।
ब्रेस्टफीड करवाने के बाद दूध के 2-4 बूंद लेकर अपने निप्पल को एक अच्छी सी मसाज दें। यह स्किन को ड्राई नहीं होने देता। इसके साथ ही मां के दूध में ऐसे कई न्यूट्रिशन मौजूद होते हैं, जो एक सीमित स्तर पर संक्रमण पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
यदि कभी बच्चे को दूध नहीं पीला पाती हैं तो दूध को ब्रेस्ट में न छोड़ें, ऐसा करने से सूजन, दर्द और गांठे पड़ने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही स्तन के अंदरूनी हिस्से में घाव बन जाता है। यह आगे चलकर किसी गंभीर समस्या का रूप ले सकता है।
अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करते हुए ब्रेस्ट को सही पोजीशन में पकड़ के बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाएं। कई बार बच्चे का नाक दब जाता है और उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही गलत पोजीशन में ब्रेस्ट फीड कराने से ब्रेस्ट हेल्थ पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
हेल्दी मिल्क प्रोडक्शन के लिए हेल्दी डाइट लेना जरूरी है। नियमित डाइट में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। वहीं आयरन और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व ब्रेस्ट हेल्थ को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। अजवाइन, दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, पनीर और हरी मूंग दाल को अपनी नियमित डाइट में शामिल करें।