Healthshots
By Anjali Kumari
Published Oct 05, 2023
अधिक मात्रा में खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पाचन क्रिया पर अधिक भार पड़ता है और खाद्य पदार्थ पूरी तरह से पच नहीं पाते, जिसकी वजह से गैस और ब्लोटिंग ट्रिगर होती हैं। जल्दी-जल्दी खाना और अधिक मात्रा में भोजन करने से पेट में गैस बनना शुरू हो जाता है और पेट फुला हुआ रहता है।
ओवरईटिंग से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा दिल से जुड़ी समस्याएं, डायबिटीज, स्ट्रोक और कोलेस्ट्रोल बढ़ने का खतरा बना रहता है। आवश्यकता से अधिक खाद्य पदार्थों का सेवन करने से खून में फैट का स्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर, इन्सुलिन रेजिस्टेंस और इन्फ्लेमेशन होने का खतरा बना रहता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए सीमित मात्रा में और हल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
डाइजेशन प्रोसेस शुरू होते ही आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में यदि आप जरूरत से ज्यादा खाती है या स्पाइसी फूड्स का अधिक सेवन करती हैं, तो खाने के बीच पसीना आना और तेज गर्मी का एहसास होना सामान्य है। आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो फौरन अपने खाद्य पदार्थों की मात्रा को सीमित करें।
ग्रेलिंग भूख का एहसास दिलाता है, तो लेप्टिन भूख को कम करता है। यदि आप लंबे समय से भूखी हैं, तो शरीर में ग्रेलिंग का स्तर बढ़ने लगता है। वहीं जब आप खाना खा लेती हैं, तो लेप्टिन आपको बताता है कि आपका पेट भर चुका है। ऐसे में यदि आप ओवरईटिंग कर रही हैं, तो इन दोनों ही हार्मोन का स्तर बिगड़ जाता है। जिसकी वजह से आपकी क्रेविंग्स बढ़ जाती हैं और खाने पर आपका नियंत्रण नहीं रहता।
ओवरईटिंग के बाद ज्यादातर लोग सुस्ती, आलस और थकान महसूस करते हैं। ओवरईटिंग के बाद रिएक्टिव हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति उत्पन्न होती है। जहां खाने के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक से गिरता है। लो ब्लड शुगर लेवल के कारण लोगों को आलस और नींद आती है।