Brain Boosting herbs : ब्रेन को बूढ़ा होने से बचाना है, तो इन 5 हर्ब्स को जरूर करें अपने आहार में शामिल
औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियां शरीर को संक्रमणों से मुक्त करने के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखती है। रोज़मर्रा के जीवन में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटियों की मदद से बार बार भूलने की समस्या से लेकर मेंटल डिसऑर्डर से भी राहत मिलती है। जानते है वो कौन सी जड़ी-बूटियां है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य को मिलेगी मज़बूती।
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ब्रेन के लिए कैसे काम करती हैं हर्ब्स
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हर्ब्स की मदद से ब्रेन सेल्स की ग्रोथ बढ़ने लगती है। इसके अलावा चीजों को याद रखने की क्षमता को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा उम्र के साथ मानसिक स्वास्थ्य में आने वाली गिरावट को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इससे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का खतरा कम हो जाता है और नर्वस सिस्टम को स्टीम्यूलेट करने में मदद मिलती है।
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दालचीनी बढ़ाएगी याद्दाश्त
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थके अनुसार दालचीनी में यूजेनॉल कंपाउड, सिनामाल्डिहाइड और सिनेमिक एसिड पाया जाता है। इसके सेवन से ब्रेन हेल्थ बूस्ट होती है। इसे रोज़ाना आहार में शामिल करने से याददाश्त और लर्निंग पावर बढ़ने लगती है। इसे पानी में उबालकर या डेजर्ट में एड करके मील में एड किया जा सकता है।
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रोज़मेरी ऑयल डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर करेगा रिवर्स
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अरोमाथेरेपी के लिए प्रयोग किया जाने वाला रोज़मेरी ऑयल से न केवल याददाश्त बढ़ती है बल्कि मेंटल अलर्टनेस भी बढ़ने लगती है। साइकोजेरियाट्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार डिमेंशिया और अल्जाइमर रोग को रोज़मेरी ऑयल से रोकने और धीमा करने में मदद मिलती है। इसे कुछ बूंद माथे और गर्दन पर लगाने से मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है।
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केसर है मूड बूस्टिंग तत्वों से भरपूर
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दूध में केसर को मिलाकर पीने से ऑक्सीडेटिव तनाव से मुक्ति मिलती है और माइंड रिलैक्स होने लगता है। बार बार होने वाली एंग्जाइटी, तनाव और चिड़चिड़ापन कम हो जाता है। केसर का सेवन करने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है। इससे न्यूरालॉजिकल डिज़ीज़ का खतरा कम होने लगता है।
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काली मिर्च मेमोरी को बढ़ाए
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काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंटस के साथ साथ पिपरीन नाम का एक्टिव कंपाउड पाया जाता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है। इसके अलावा मेमेरी को बूस्ट करने में भी मदद मिलती है। इसे पानी में उबालकर पीने के अलावा सब्जियों और फलों में मिलाकर भी खाया जा सकता है। इसे खाने से फोकस करने की क्षमता का भी विकास होता है।
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जीरे से नर्वस सिस्टम को करें नियंत्रित
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जीरे के सेवन से नर्वस सिस्टम को स्टीम्यूलेट करने में मदद मिलती है। इसके अलावा पार्किंसंस और अल्ज़ाइमर जैसे रोगों का खतरा कम हो जाता है। जीरे को आहार में शामिल करने से ब्रेन सेल्स की ग्रोथ बढ़ती है। इससे उम्र के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर दिखने वाला प्रभाव कम होने लगता है।