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By Smita Singh 

Published Nov 9, 2023

Grounding : इन 5 तरीकों से नंगे पांव जमीन पर चलना है आपकी सेहत के लिए फायदेमंद

ग्राउंडिंग या अर्थिंग एक थेरापयूटिक तकनीक है, जो धरती से जुड़कर आपकी इलेक्ट्रिकल एनर्जी को री एलाइन  करता है। यह फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे सूजन, दर्द कम होने के साथ-साथ तनाव घटता है और मूड बेहतर होता है।

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क्या है ग्राउंडिंग

हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, दिन में एक घंटे तक ग्राउंडिंग करने से मूड अच्छा होता है। किसी कारणवश मूड स्विंग हो रहा है, तो इससे रिलैक्स होने में मदद मिलती है। नियमित रूप से ग्राउंडिंग अधिक फायदेमंद है।

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मूड में सुधार

ग्राउंडिंग से ऊर्जा के स्तर में सुधार होता है और थकान कम होती है। जो लोग ग्राउंडेड होते हैं, उनमें  फिजिकल फंक्शन में वृद्धि देखी जाती है। इससे उदासी दूर होती है। यह ओवरआल हेल्थ इम्प्रूव कर जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।

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लाइफ क्वालिटी बढ़ती है

ग्राउंडिंग से हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इसके कारण सिस्टोलिक लेवल में कमी आ सकती है। ब्लड प्रेशर की दवाइयों के साथ ग्राउंडिंग किया जा सकता है।

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ब्लड प्रेशर कम कर सकता है

ग्राउंडिंग हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। ग्राउंडिंग से ब्लड की चिपचिपाहट और रेड ब्लड सेल्स का जमाव कम हो जाता है। इसलिए यह हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने में मदद कर सकता है।

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हार्ट हेल्थ में सुधार हो सकता है

एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों की क्षति को ठीक करने में ग्राउंडिंग मददगार होती है। इससे दर्द कम होता है। यदि ब्लड टेस्ट किया जाता है, तो मांसपेशियों की क्षति कम होने का संकेत मिलता है। इससे पता चलता है कि ग्राउंडिंग शरीर की उपचार क्षमताओं पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

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मांसपेशियों की रिकवरी

ग्राउंडिंग आउटडोर और इनडोर दोनों तरह से हो सकती है। पारंपरिक तरीके या आउटडोर ग्राउंडिंग के लिए आपको बस बाहर जाना होगा और पृथ्वी पर चलना होगा। जरूरी है त्वचा से सीधा संपर्क बनाए रखना। मतलब बाहर नंगे पैर चलना। घास में लेटना या मिट्टी में अपने हाथ चलाना या समुद्र में तैरना भी हो सकता है।

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कैसे करें ग्राउंडिंग का अभ्यास

घर के अंदर भी ग्राउंडिंग का अभ्यास किया जा सकता है। विभिन्न ग्राउंडिंग प्रणालियों के उपयोग के माध्यम से पृथ्वी के साथ निरंतर संपर्क बनाये रखना होता है। सोते समय, टेलीविजन देखते हुए या कंप्यूटर पर बैठकर भी किया जा सकता है। ये ग्राउंडिंग सिस्टम शीट, मैट, कलाई बैंड और चिपकने वाले पैच सहित हो सकते हैं।

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इनडोर ग्राउंडिंग

बाहर खाली पैर चलने के दौरान किसी कीड़े के काटने या कांच और कांटे के गड़ने के प्रति सतर्क रहें। इसी तरह पोलेन ग्रेन से एलर्जी है, तो विशेष सावधानी बरतनी होगी।

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ग्राउंडिंग के समय बरतें ये सावधानियां