By Jyoti Sohi
Published Oct 02, 2024
नवरात्रि के मौके पर गरबा का खास महत्व है। ये पावर डांस गुजरात की ट्रेडिशनल डांस फॉर्म है, जिससे शरीर में उमंग और उत्साह के साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं को रेगुलेट करने की भी क्षमता है। नवरात्रि के मौके पर घंटों घेरा बनाकर गोल-गोल घूमकर किए जाने वाले इस डांस फॉर्म से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। जानते हैं गरबा किस तरह से है स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद।
गरबा बढ़ाएं शरीर का लचीलापन
जोड़ों में होने वाले दर्द और ऐंठन को दूर करने के लिए गरबा बेहद फायदेमंद है। इससे शरीर दिनभर एक्टिव रहता है। साथ ही शरीर का संतुलन बना रहा है। इससे बॉडी की स्ट्रेंथ में सुधार आने लगता है और चलने फिरने के दौरान होने वाली थकान को भी कम किया जा सकता है।
वेटलॉस में मददगार
गोल गोल घूमकर किए जाने वाली इस डांस फॉर्म से पेट पर जमा चर्बी को बर्न किया जा सकता है। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद मिलती है। इससे टांगों और बाजूओं की मसल्स को मज़बूती मिलती है और शरीर में एनर्जी का लेवल बना रहता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से मोटापे से राहत मिलती है। एक्सपर्ट के अनुसार 1 घंटा गरबा करने से 500 से 600 कैलोरीज़ बर्न होती हैं।
एकाग्रता में लाए सुधार
गरबा नृत्य में स्टिक को प्रॉप के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इससे फोकस बढ़ने लगता है और मेमोरी में भी सुधार आने लगता है। नियमित रूप से कुछ देर गरबा करने से एकाग्रता बढ़ने लगती है और इससे काम की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है। इसके अलावा तनाव से राहत मिलती है और मन में खुशी की भावना बनी रहती है।
लंग्स की फंक्शनिंग में सुधार
रोज़ाना गरबा करने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगती है और लंग्स की क्षमता में भी सुधार आने लगता है। इस डांस फॉर्म की मदद से प्रदूषण के कारण सांस लेने में होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है। इससे फेफड़ें मज़बूत बनते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। ब्रीदिंग की समस्या को दूर करने के लिए दिनभर में कुछ वक्त गरबा का अभ्यास करें।
एनर्जी के स्तर को बढ़ाए
घंटों बैठकर काम करने से शरीर में थकान और कमज़ोरी बढ़ने लगती है। इसके अलावा शारीरिक अंगों में ऐंठन का सामना करना पड़ता है। गरबा करने से मसल्स की फंक्शनिंग में सुधार आने लगता है, जिससे एनर्जी का स्तर बढ़ता है और शरीर हर पल एक्टिव बना रहता है। गोल घेरा बनाकर किए जाने वाले इस नृत्य से कोर स्ट्रेंथ बढ़ने लगती है।