Healthshots
By Smita Singh
Published Dec 16, 2023
जापानी फल या राम फल या ख़ुरमा विटामिन सी, ए, ई, के, बी के साथ-साथ पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, मैंगनीज, आयरन, तांबा और एंटीऑक्सिडेंट के महत्वपूर्ण खनिजों से भरपूर होता है। यह सूजन कम करना, पाचन तंत्र को मजबूत बनाना और आई हेल्थ को मजबूत कर सकता है।
अत्यधिक मीठा होने के बावजूद यदि सीमित मात्रा में सेवन किया जाए, तो यह ब्लड शुगर कंट्रोल कर सकता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और अत्यधिक हाई आहार फाइबर के कारण ब्लड शुगर लेवल में अचानक वृद्धि को रोक सकते हैं। यह मधुमेह प्रबंधन के लिए फायदेमंद हो सकता है।
जापानी फल में विटामिन सी के साथ-साथ फ्लेवोनोइड्स भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण भी रखते हैं। ये सूजन को कम कर शरीर का खांसी, सर्दी, बुखार, मौसमी संक्रमण से बचाव करते हैं।
विटामिन ई से भरपूर यह स्वस्थ असंतृप्त वसा और आहार फाइबर प्रदान करता है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है। पोटेशियम की महत्वपूर्ण मात्रा धमनियों में दबाव कम करता है। इसमें कार्डियोप्रोटेक्टिव गुणों वाले एंथोसायनिन तत्व होते हैं। पर्सिमोन हाई ब्लड प्रेशर को प्रभावी ढंग से कम करता है।
पर्सिमोन में विटामिन बी- बी1, बी2, बी3 के साथ-साथ सोलूबल फाइबर की प्रचुर मात्रा पाचन स्वास्थ्य के लिए बढ़िया है। बी विटामिन चयापचय के लिए कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा के टूटने को नियंत्रित करते हैं। फाइबर बोवेल मूवमेंट में मदद करते हैं। फाइटोन्यूट्रिएंट्स - टैनिन, पॉलीफेनोल्स पेट के संक्रमण को खत्म करते हैं।
इसमें विटामिन ए के साथ कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सिडेंट - ल्यूटिन, ज़ेक्सैन्थिन होते हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए बढ़िया हैं। ये ऑप्टिक ऑर्गेनेल- रेटिना, कॉर्निया, लेंस, कंजंक्टिवा के संचालन को बढ़ाते हैं और ऑप्टिक नर्व में ब्लड सर्कुलेशन को उत्तेजित करते हैं।
विटामिन सी, ई, प्लस कैटेचिन एंटीऑक्सिडेंट की प्रचुरता मुंहासे, काले धब्बे, निशान को ठीक करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रदान करते हैं। यह त्वचा की उम्र बढ़ने को धीमा करती है और झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करती है। फल का सेवन या जूस, सलाद के रूप में करने से स्किन प्रॉब्लम दूर हो जाती है।
राम फल या जापानी फल में मौजूद टैनिन बैक्टीरिया के खिलाफ कार्य कर सकता है, जो फेफड़ों में संक्रमण का कारण बन सकता है। बैक्टीरिया संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करके फल शरीर को बैक्टीरिया से मुक्त रख सकता है।
कम मात्रा में खाने पर जापानी फल कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देता है। कुछ व्यक्तियों को इन फलों से एलर्जी हो सकती है। उनमें पेट खराब होने, मतली या गंभीर परिस्थितियों में एनाफिलेक्टिक शॉक के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।