Healthshots
By Anjali Kumari
Published Jan 10, 2024
यदि आप कंसीव करने की प्लानिंग कर रही हैं, या आपने अनप्रोटेक्टेड सेक्स किया है और आपका पीरियड मिस हो गया है, तो हो सकता है आप प्रेग्नेंट हों। हालांकि, यदि पहले से आपके पीरियड्स इर्रेगुलर रहते हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही प्रेगनेंसी कंफर्म होगी।
प्रेगनेंसी में बॉडी में हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो आपके ब्रेस्ट को अधिक संवेदनशील बना देते हैं। हालांकि, प्रेगनेंसी के कुछ हफ्तों के बाद बॉडी हार्मोनल बदलाव के साथ एडजस्ट ही जाती है और ब्रेस्ट संबंधी लक्षण कम हो जाते हैं।
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में फ्रिक्वेंट यूरिनेशन सबसे कॉमन है। कंसीव करने के बाद महिलाओं को बार-बार यूरिनेट करने की इच्छा होती है, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में ब्लड की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से किडनी आपके ब्लैडर में एक्स्ट्रा फ्लूइड प्रोड्यूस करता है।
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में थकान महसूस होना बेहद सामान्य है। खासकर फर्स्ट ट्राइमेस्टर में महिलाओं में नींद की कमी हो सकती है। साथ ही बॉडी में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बढ़ने से थकान महसूस होना बिल्कुल कॉमन हो जाता है।
बहुत सी महिलाओं में प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण के तौर पर जी मचलने और उल्टी की समस्या देखने को मिलती है। परंतु कुछ महिलाएं इसका एक्सपीरियंस अपनी पूरी प्रेगनेंसी पीरियड में नहीं करती हैं। वोमिटिंग और जी मचलने के लिए प्रेगनेंसी हॉर्मोन्स जिम्मेदार होते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से ब्लोटिंग महसूस हो सकती है। यदि आपको अचानक से बहुत ज्यादा ब्लोटिंग हो रहा है, साथ ही पीरियड्स मिस होना, जी मचलना आदि जैसे अन्य लक्षण नजर आ रहे हैं, तो यह सभी प्रेगनेंसी के संकेत हो सकते हैं।
लाइट स्पॉटिंग प्रेगनेंसी के सबसे पहले संकेत में से एक है। इसे इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कहते हैं। यह तब होता है, जब फेर्टिलाइज्ड एग यूट्रस लाइनिंग के साथ अटैच होते हैं। ऐसा लगभग कांसेप्शन के 10 से 14 दिनों के बाद होता है।
प्रेगनेंसी के शुरुआत में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं को काफी ज्यादा मूड स्विंग्स हो सकता है। उनके इमोशंस में फ्रिक्वेंट बदलाव देखने को मिलता है। साथ ही बात-बात पर मूड खराब होना बिल्कुल कॉमन है। इस दौरान भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता।