Healthshots
By Sandhya Singh
Published Oct 15, 2023
माता के इस अवतार की पूजा नवरात्रि के पहले दिन होती है। यह अवतार दृढ़ संकल्प और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। माता का ये रूप यह सबक देता है कि विपरीत परिस्थितियों और चुनौतियों के बावजूद भी अपने विश्वासों और लक्ष्यों पर दृढ़ रहना चाहिए।
माता के इस रूप की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। यह रूप आत्म-नियंत्रण, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। यह माता अपने जीवन में धैर्य और अनुशासन का अभ्यास करने, और ईमानदारी के साथ अपने चुने हुए मार्ग पर खुद को समर्पित करने का संदेश देतीं है।
माता के इस रूप की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। यह रूप सौम्य और सेल्फ केयर करने के साथ-साथ आपके लिए जो महत्वपूर्ण है उसकी रक्षा करने के लिए तैयार रहने के बारे में है। अपनी देखभाल और सुरक्षात्मक प्रवृत्ति को संतुलित करें।
माता के इस रूप की पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है। यह रूप रचनात्मकता और सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। अपनी रचनात्मक क्षमता का सही तरह से उपयोग करें। साथ ही दूसरों की की भलाई में योगदान दें।
माता के इस रूप की पूजा नवरात्रि के पांचवे दिन की जाती है। यह अवतार मातृ प्रेम और परिवार के महत्व का प्रतीक है। इस रूप से सबक मिलता है कि अपने पारिवारिक बंधनों और रिश्तों को संजोएं और उनकी रक्षा करें।
माता के इस रूप की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। कात्यायनी माता साहस और निडरता की प्रतीक है। आपको इस अवतार से संदेश मिलता है कि चुनौतियों का डटकर मुकाबला करें और जो सही है उसके लिए खड़े रहें।
माता के इस रूप की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है। यह रूप विनाश की शक्ति और बाधाओं को दूर करने की क्षमता का प्रतीक है। यह रूप सबक देता है कि जो अब आपके लिए उपयोगी नहीं है उसे छोड़ दें। अपने डर का सामना करें।
माता के इस रूप की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है। महागौरी पवित्रता और क्षमा का प्रतिनिधित्व करती है। यह रूप बताता है कि विचारों को अच्छा रखें और आंतरिक शांति पाने के लिए दूसरों को क्षमा करें।
माता के इस रूप की पूजा नवरात्रि के नौंवे दिन की जाती है। यह रूप इच्छाओं की पूर्ति और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक है। यह रूप बताता है कि आध्यात्मिकता की ओर बढ़े और दूसरों की मदद करने के लिए अपने ज्ञान और क्षमताओं का उपयोग करें।