गुस्सा, चिड़चिड़ापन और तनाव कंट्रोल करना है, तो ओमेगा 3 फैटी एसिड के सेवन पर दें ध्यान
बढ़ती उम्र के साथ ज्यादातर महिलाएं तनाव, गुस्से, याददाश्त में कमी और चिड़चिड़ेपन की शिकायत करती हैं। जिसका असर उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर भी पड़ने लगता है। यह सही है कि उम्र बढ़ने के साथ हॉर्मोन्स में असंतुलन होने लगता है। मगर इस असंतुलन को संतुलित आहार से संभाला जा सकता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड इसमें अहम भूमिका निभाता है।
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मेमोरी लॉस नहीं होने देता
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ओमेगा 3 फैटी एसिड से ब्रेन फंक्शन इंप्रूव होता है और अल्ज़ाइमर की समस्या से राहत मिलती है। वे लोग जो बार बार चीजें रखकर भूल जाते हैं, उन्हें इसके सेवन से भरपूर फायदा मिलता है। इससे मेमोरी बूस्ट होती है और मस्तिष्क एक्टिव बना रहता है।
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कॉर्टिसोल रेगुलेट करता है
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जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइकेटरी के अनुसार ओमेगा 3 फैटी एसिड की मदद से शरीर में कार्टिसोल हार्मोन को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। शरीर में स्ट्रैस हार्मोन कार्टिसोल के बढ़ने से व्यक्ति तनाव व एंग्ज़ाइटी का शिकार हो जाता है। इससे राहत पाने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड बेहद कारगर है।
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एकाग्रता बढ़ाता है
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फोकस करने की क्षमता में आने वाली कमी को दूर करने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड बेहद कारगर है। इससे भरपूर आहार और सप्लीमेंटस की मदद से कांसंट्रेशन में सुधार आने लगता है, जिससे किसी भी कार्य को समय पर पूरा किया जा सकता है। इसके सेवन से बार बार ध्यान भटकने की समस्या हल हो जाती है।
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डिप्रेशन से बचाता है
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ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करने से शरीर को ईकोसापेंटेनोइक एसिड की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी गुण पर्सनेलिटी डिसऑर्डर को दूर करने में मदद करते हैं। इससे तनाव की समस्या हल होने लगती है और ब्रेन की फंक्शनिंग नॉर्मल होने लगती है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसे डाइट में अवश्य शामिल करें।
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बिहेवियर चेजिंज
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ऐसे लोग जिन्हें साइकेट्रिक डिसऑर्डर का सामना करना पड़ता है, उन्हें ओमेगा 3 फैटी एसिड का अवश्य सेवन करना चाहिए। इससे सीज़ोफ्रेनिया और बायपोलर डिसऑर्डर की समस्या हल होने लगती है और व्यक्ति के व्यवहार में सकारात्मकता बढ़ जाती है।
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क्या हैं इसके फूड सोर्स
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शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी को पूरा करने के लिए शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही सोर्स है। इसके लिए आहार में सोयाबीन, अखरोट, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, ब्लूबेरी, पत्तेदार सब्जियों, मछली और सीडस को शामिल करें। इसके अलावा सैल्मन, मैकेरल, लेक ट्राउट और टूना से खासतौर से ओमेगा .3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है।