By Jyoti Sohi
Published Sep 10, 2024
उम्र का बढ़ना और फिजिकल एक्टिविटीज में आने वाली कमी वेटगेन का कारण बनने लगती है। इसके चलते शरीर में कैलोरी स्टोरेज़ बढ़ जाता है, जो मोटापे का कारण बनने लगता है। लोग इस समस्या को हल करने से मील स्किप करने से लेकर वर्कआउट को रूटीन में शामिल कर लेते हैं। मगर इससे पहले वेटगेन के कारणों का पता लगाना आवश्यक है। जानते हैं इस्टेंट वेटगेन के क्या कारण हो सकते हैं।
हॉर्मोनल इंबैलेंस
पीरियड साइकल से शुरू होकर मेनोपॉज तक महिलाओं के शरीर को कई बार होर्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, पीसीओएस की स्थिति में शरीर में एण्ड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। इससे पीरियड साइकल में आने वाली अनियमितता के अलावा वज़न बढ़ने की समस्या से दो चार होना पड़ता है। इससे इंस्टेंट वेटगेन की समस्या बढ़ती है।
तनाव का बढ़ जाना
स्ट्रेस लेवल बढ़ने से नींद न आने की समस्या और ओवरइटिंग का सामना करना पड़ता है। दरअसल, तनाव के चलते शरीर में कार्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इसके चलते शरीर में फैट्स एकत्रित होने लगते हैं, जिससे शरीर को अतिरिक्त वज़न की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एंग्ज़ाइटी और स्ट्रेस से दूर रहना चाहिए।
सिडेंटरी लाइफस्टाइल फॉलो करना
बिना किसी ब्रेक के लंबे वक्त तक बैठना और व्यायाम की कमी वज़न बढ़ने का कारण बनने लगती है। स्क्रीन टाइम का बढ़ना इस समस्या को बढ़ा देता है। वे लोग जो सिडेंटरी लाइफस्टाइल का अपनाते है और वर्कआउट से दूर रहते है, उन्हें बदन दर्द और जोड़ों में दर्द का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है।
प्रोटीन की कमी
शरीर में प्रोटीन की कमी का बढ़ जाना मोटापे का कारण बनने लगता है। इसके चलते एपिटाइट बढ़ जाता है और भूख लगने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में फूड क्रेविंग्स से अनहेल्दी मील्स की मात्रा बढ़ जाता है। इसके चलते शरीर में वॉटर रिटेंशन का सामना करना पड़ता है, जिससे मोटापे तेज़ी से शरीर में बढ़ने लगता है।
हाइपोथायरॉइडइज्म
थायरॉइड की समस्या भी इंस्टेंट वेटगेन का कारण बनने लगती है। दरअसल, थायरॉइड ग्लैंण्ड जब शरीर में कम मात्रा में होर्मोन प्रोडयूस करता है, तो उससे पाचनतंत्र पर असर नज़र आने लगता है। मेटबॉलिज्म की गति धीमी होने से शरीर में कैलोरीज़ जमा होने लगती हैं, जिससे वज़न बढ़ने लगता है।