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By Kartikey Hastinapuri

Published Dec 05, 2023

दादी-नानी से लेकर आयुर्वेद विशेषज्ञ तक करते हैं सर्दियों में च्यवनप्राश खाने की सिफारिश, जानिए इसके फायदे

लगातार गिरते तापमान और लुढ़कते पारे के कारण इन दिनों ठंड ने अपनी दस्तक दे दी हैं। सर्दी के मौसम में कई तरह की मौसमी बीमारियां जैसे सर्दी, खांसी और जुकाम का खतरा भी बढ़ जाता हैं। इन बीमारियों और ठंड से बचाव के लिए अक्सर आपने दादी-नानी से च्यवनप्राश खाने की नसीहत जरूर सुनी होगी। तमाम तरह की जड़ी-बूटियों से बना च्यवनप्राश प्राचीनकाल से लेकर आजकल बदले हुए लाइफस्टाइल में भी आपकी सेहत का रखवाला माना जा रहा है। आइए  जानते हैं क्यों

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च्यवनप्राश कई तरह की जड़ी-बूटियों से बना होता हैं, जिसके कारण यह एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर को सुरक्षित रखने और तमाम तरह के इन्फेक्शन्स से लड़ने की शक्ति प्रदान करती  है।

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इम्यून सिस्टम होता है मज़बूत

च्यवनप्राश में विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई है, जो कि पाचन को सुधारने और खाद्य सामग्री को अच्छी तरह से अवशोषित करने में मददगार होता है। साथ ही च्यवनप्राश में शंकपुष्पी, पिपली और गुडुची जैसे पाचन को सुधारने वाले तत्व मौजूद होते हैं।

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पाचन के लिए भी है लाभकारी

च्यवनप्राश में अश्वगंधा, ब्राह्मी जैसी जड़ी-बूटियां मौजूद होती हैं, जो व्यक्ति के स्ट्रेस लेवल को कम करने में मदद करती है, जिससे मेंटल हेल्थ में प्रभाव पड़ता हैं और साथ ही च्यवनप्राश में त्रिफला जैसे पोषक तत्व भी होते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

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मेंटल हेल्थ को भी देता है स्टेबिलिटी

च्यवनप्राश में विटामिन सी और विटामिन ए जैसे अनेक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय संबंधी समस्याओं जैसे हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर जैसी समस्याओं से रक्षा करते हैं।

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हार्ट हेल्थ भी अच्छी रहती है

प्राचीन आयुर्वेदिक शास्त्रों और साहित्यिक ग्रंथों के अनुसार, च्यवनप्राश एक ऐसा फॉर्म्युलेशन है, जो मानव शरीर को असंख्य लाभ प्रदान करता है। यह न केवल शरीर को ऊर्जा देता हैं बल्कि यह तीन दोषों, अर्थात कफ (पृथ्वी और जल), वात (वायु), और पित्त (अग्नि) को भी संतुलित रखता हैं।

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वात, पित्त और कफ तीनों में है लाभदायक

कई तरह से फायदेमंद च्यवनप्राश कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को नियंत्रित भी करता है। दरअसल, च्यवनप्राश में मौजूद तत्व ब्लड में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हृदय की समस्याएं कम भी होती हैं।

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कोलेस्ट्रॉल को भी करता है कम

च्यवनप्राश बनाने के समय नीम का पयोग भी किया जाता है। दरअसल, नीम एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लैमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो व्यक्ति के खून को प्यूरीफाय करने में मददगार साबित होता है।

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ब्लड को प्यूरीफाई करने में भी है मददगार

च्यवनप्राश का मुख्य घटक आंवला होता हैं। साथ ही आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो आपकी इम्युनिटी को बढ़ावा देने में मदद करता है और सर्दी और खांसी सहित विभिन्न वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों को रोकता है।

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मौसमी बीमारियों से करता है बचाव

आमतौर पर च्यवनप्राश की खुराक व्यक्ति की उम्र, ताकत और रोगों की स्थिति पर तय होती है। लेकिन आमतौर पर आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में बच्चों को आधे से 1 चम्मच और बड़ों यानी वयस्कों को 1 से 3 चम्मच तक प्रतिदिन लेने चाहिए।

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सीमित मात्रा में ही करें इसका सेवन

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