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By Anjali Kumari 

Published July 02, 2024 

आयुर्वेद के अनुसार बरसात में इन 8 खाद्य पदार्थों के सेवन से बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा

मौसम बदलते ही जिस प्रकार हम अपने पहनावे, त्वचा एवं बालों की देखभाल में बदलाव करते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें अपने खानपान में भी बदलाव की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद के अनुसार बरसात में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इन खाद्य पदार्थों से परहेज करने की कोशिश करें। यहां हम ऐसे ही 8 तरह के फूड्स के बारे में बता रहे हैं।

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पत्तेदार सब्जियों पर सबसे अधिक जर्म ग्रो करते हैं। छोटे-छोटे कीट भी उन्हीं पत्तियों को खाते हैं। आपने सब्जी खरीदते वक्त देखा होगा कि पत्तों पर छोटे-छोटे छेद और धब्बे होते हैं। धब्बे कीड़े के अंडे होते हैं और जो छेद कीड़े के खाने के बाद बनता है। इसलिए इस मौसम में पालक, मेथी, ब‍थुआ, पत्तागोभी या दूसरी तरह की हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से परहेज करें।

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हरे पत्तेदार साग

आयुर्वेद के अनुसार बारिश के मौसम में बैंगन, गोभी, खीरा को भी न खाने की सलाह दी जाती है। इस मौसम में इन तीनों चीजों में अधिक कीड़े लगते हैं। कभी-कभी तो ये कीड़े इतने छोटे होते हैं कि दिखाई भी नहीं देते। इनका सेवन करने पर सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

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बैंगन, गोभी, खीरा

वैसे हर साल बरसात के मौसम में टमाटर के दाम बढ़ने लगते हैं। पर सेहत के लिए आपको इन्हें भी खाने से परहेज करना चाहिए। टमाटर और शिमला मिर्च दोनों का सेवन पेट की समस्या बढ़ा देता है। इनमें भी आसानी से कीड़े पनपते हैं और बेहद जल्दी फैल जाते हैं।

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टमाटर, शिमला मिर्च

मवेशियों के चारे पर पनपने वाले कीड़े मवेशियों के माध्यम से दूध तक भी अपनी पहुंच बना लेते हैं। डॉक्टर भी मानते हैं कि पेट का इंफेक्शन सबसे अधिक दूध या दूध के प्रोडक्ट से होता है। इसलिए बारिश में बच्चों की तबियत खराब होने पर चाइल्ड स्पेशलिस्ट सबसे पहले बच्चों को दूध बंद करने की सलाह देते हैं।

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दूध और दही

आपको मानसून के दौरान मछली और झींगा जैसे समुद्री भोजन से बचना चाहिए। बरसात के मौसम में पानी में रोगाणुओं और जीवाणुओं की मौजूदगी मछली को संक्रमित कर सकती है, और इस तरह इसे खाने वाले व्यक्ति को भी।

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सी फूड

कभी-कभार कचौड़ी, पकौड़े और समोसे जैसे तले हुए खाद्य पदार्थ खाना ठीक हो सकता है, लेकिन आपको खाने की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। अधिक मात्रा में इनका सेवन पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। इससे अपच, दस्त और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, तले हुए खाद्य पदार्थों से परहेज करें।

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मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ

मशरूम नम मिट्टी में उगते हैं और उनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। बरसात में नमी के कारण बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ जाता है। ऐसे में मशरूम पर बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ने से इन्हें खाने के बाद संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

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मशरूम

कच्चे खाद्य पदार्थ खाने से रोगाणुओं को तुरंत प्रवेश मिलता है, जो अंततः बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के साथ आपके स्वास्थ्य पर असर डालते हैं, जबकि खाना पकाने से हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलती है।

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कच्चे खाद्य पदार्थ

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