By Jyoti Sohi
Published Nov 24, 2024

Healthshots

जानिए क्या है एप्रेन बैली और इसे कैसे कम किया जा सकता है

बच्चे के जन्म के बाद वेटगेन के चलते महिलाओं के पेट के आकार में परिवर्तन आने लगता है। पेट और इंटरनल ऑर्गन्स के आसपास फैट एकत्रित होने से बैली एप्रेन के समाज नज़र आने लगती है। दरअसल, एब्डोमिनल मसल्स के नीचे और इंटेस्टाइन के सामने फैट डिपॉजिट हो जाता है। इस फैट को विसेरल फैट भी कहा जाता है। जानते हैं किन टिप्स की मदद से इस समस्या को करें दूर। 

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आहार में बदलाव करें

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हेल्दी डाइट लेने से पेट के आसपास जमा चर्बी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए आहार में ताजे फल, सब्जियां, दाल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। कैलोरीज़ को नियंत्रित करके डेली उन्हें मॉनिटर करना आवश्यक है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है। 

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व्यायाम करना न भूलें

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क्रंचेस, लंज ट्विस्ट, प्लैंक और योगाभ्यास की मदद से एप्रन बैली को कम किया जा सकता है। दिन में 30 मिनट व्यायाम करने से मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ जाता है। इससे पेअ के निचले हिस्से में जमा फैट्स को बर्न किया जा सकता है। साथ ही मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है। 

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 शरीर को हाइड्रेटेड रखें

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शरीर को हाइड्रेट रखने का प्रयास करें। इससे न केवल कैलोरी इनटेक को कम किया जा सकता है बल्कि शारीरिक अंगों की कार्यक्षमता में सुधार आने लगता है। मील से 30 मिनट पहले पानी पीएं, जिससे शरीर ओवरइटिंग से बच सकता है और एपिटाइट नियंत्रित हो जाता है।   

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पर्याप्त नींद लें

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डिलीवरी के बाद महिलाओ को बच्चे के साथ रातभर जागना पड़ता है। इससे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने लगता है। इससे महिलाओं के व्यवहार में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है और वज़न भी ज्यों का त्यों बना रहता है। अगर आप एप्रेन बैली को कम करना चाहती हैं, तो दिनभर में समय मिलने पर नैप लें और भरपूर नींद लेने का प्रयास करें। इससे हार्मोन असंतुलन से बचा जा सकता है। 

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डॉक्टर की सलाह लें

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बच्चे के जन्म के बाद शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते है। इसके अलावा बच्चे को ब्रेस्टफीड भी करवाया जाता है। ऐसे में किसी भी प्रकार की डाइट को शुरू करने और वर्कआउट रूटीन आरंभ करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। इससे एप्रेन बैली को कम करने में मदद मिलती है। 

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