Healthshots
By Sandhya Singh
Published Nov 24, 2023
हल्दी में करक्यूमिन होता है, एक यौगिक जो अपने सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है, संभावित रूप से सर्दी, फ्लू और ठंड से संबंधित अन्य बीमारियों के खतरे को कम कर सकता है।
ठंड के महीनों में जोड़ों में दर्द और सूजन अधिक हो सकती है। हल्दी के सूजनरोधी प्रभाव इन समस्याओं को कम कर सकते हैं, जिससे गठिया या स्टिफनेस जैसी स्थितियों में राहत मिल सकती है।
हल्दी में कई ऐसे गुण होते है जो पाचन में सहायता करते है, हल्दी पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है, यह सूजन, गैस और अपच को कम कर सकती है, जो ज्यादा सर्दियों के खाद्य पदार्थों का सेवन करने पर अधिक आम हो सकती है।
परंपरागत रूप हल्दी में शरीर को गर्म रखने वाले गुण होते हैं, जो इसे ठंड के मौसम में फायदेमंद बनाता है। इससे परिसंचरण को बेहतर बनाने और शरीर को भीतर से गर्म रखने में मदद करता है।
सर्दी के महीनों के दौरान विंटर ब्लूज़ या मौसमी भावात्मक विकार (Seasonal affective disorder) आम हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन का मूड-बूस्टिंग प्रभाव हो सकता है, जो डिप्रेशन या खराब मूड की भावनाओं से निपटने में मदद कर सकता है।
तेज कड़ाके वाली ठंड त्वचा को प्रभावित कर सकती हैं। हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण सूखापन, सूजन और त्वचा की कुछ स्थितियों से निपटने में मदद कर सकते हैं, जिससे त्वचा स्वस्थ रहती है।
हल्दी के सूजनरोधी गुण रेस्पिरेटरी स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचा सकते हैं। यह संभावित रूप से सर्दियों के दौरान बढ़ने वाली श्वसन समस्याओं, जैसे अस्थमा या ब्रोंकाइटिस से संबंधित लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।
कैंसर के उपचार में हल्दी के प्रभाव का अध्ययन में पता चला है। स्तन कैंसर, सिर और गर्दन के कैंसर, पेट के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और अन्य में हल्दी के प्रभाव का व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है।