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By Jyoti Sohi

Published Nov 16, 2023

Cycling Benefits : तन और मन दोनों की सेहत के  लिए फायदेमंद है साइकल चलाना, जानिए इसके फायदे

शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए दिनभर में कुछ देर साइकलिंग करना फायदेमंद साबित होता है। अगर रोज़ाना कुछ मिनट इस शारीरिक गतिविधि को नियमित तौर पर किया जाए, तो इससे वेटलॉस के अलावा हार्ट को भी हेल्दी रखा जा सकता है। पैरों, घुटनों, कूल्हों पर बाजूओं को मज़बूती प्रदान करने वाली इस एक्टिविटी को रोज़ाना करने से मिलने लगते हैं ये लाभ।

Image Credits : Adobestock

चाहे बच्चे हो या बुजुर्ग कोई भी इस लो इंपैक्ट एक्सरसाइज़ को आसानी से कर सकता है। इसे करने से घुटनों और टांगों में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। खुली हवा में साइकलिंग करने के अलावा आप इंडोर साइकलिंग भी कर सकते हैं। जो आपके शरीर को कई समस्याओं से बचाती है।

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साइकलिंग हैं लो इंपैक्ट एक्सरसाइज़

साइकलिंग की मदद से कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। हार्वर्ड हेल्थ की एक स्टडी के मुताबिक 155 पाउंड यानि 70 किलो वज़न का व्यक्ति अगर 30 मिनट तक साइकलिंग करता है। तो उससे 252 कैलोरी बर्न होती है। इससे महिलाओं में बढ़ने वाला लोअर बॉडी फैट भी आसानी से रिडयूज़ किया जा सकता है।

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वेटलॉस में मददगार

रोज़ाना कुछ देर साइकलिंग करने से टांगों की मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से मुक्ति मिल जाती है। इससे पैरों कें दर्द और लेग क्रैंप्स से राहत मिलती है। वे लोग जो नियमित तौर पर साइकलिंग करते हैं। उनकी बॉडी एक्टिव रहती है और स्टेमिना बढ़ने लगता है। किसी भी उम्र के लोग साइकलिंग कर सकते हैं।

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मसल्स की मज़बूती को बढ़ाए

एनआईएच के अनुसार नियमित तौर पर साइकलिंग करने से हृदय संबधी समस्याओं का खतरा टल जाता है। इससे हृदय की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। साइकलिंग से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी कम होने लगता है।

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कोलेस्ट्रॉल को करे नियंत्रित

साइकलिंग करने से तनाव और डिप्रेशन की समस्या से भी निपटा जा सकता है। इससे फोक्स करने की क्षमता में सुधार होता है और बातें भूलने की परेशानी भी कम होने लगती है। दरअसल, शारीरिक गतिविधियों से शरीर में एडोरफिल हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। जो तनाव के स्तर में सुधार लाने में मददगार साबित होता है।

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मेंटल हेल्थ को करे इंप्रूव

रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से बचाव के लिए साइकलिंग बेहद कारगर साबित होती है। रिसर्चगेट के अनुसार प्रत्येक सप्ताह 170 से 250 मिनट तक साइकलिंग करने से फेफड़ों को मज़बूती मिलती है। जो फेफड़ों की गतिविधियों को नियमित करने में मदद करती है। इससे सांस संबधी समस्याएं हल हो जाती है।

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फेफड़ों के लिए फायदेमंद

वे लोग जो साइकलिंग करते हैं। उनका शरीर संतुनित रहता है और शरीर के पोश्चर में भी सुधार आने लगता है। कंधों की मज़बूती बढ़ती है और पीठ भी सीधी रहती है। इसके अलावा कई प्रकार की चोट और फ्रैक्चर के खतरे से भी बचा जा सकता है। इससे एजिंग की समस्या से भी बचा जा सकता है।

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पोश्चर में लाए सुधार

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित होती है। ऐसे में साइकलिंग करना बेहद फायदेमंद है। एनआईएच के एक रिसर्च के अनुसार 3 महीने साइकलिंग करने से ब्लड प्रेशर को 4.3 फीसदी कम किया जा सकता है। इससे स्वास्थ्य संतुलित बना रहता है और रक्त का प्रवाह नियमित हो जाता है।

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ब्लड प्रेशर को बढ़ने से रोके

शरीर को एक्टिव बनाए रखने के लिए साइकलिंग करना ज़रूरी है। एनआइएच के साल 2019 के एक रिसर्च के अनुसार वे महिलाएं जो शरीर को एक्टिव बनाए रखती है। उनमें ब्रैस्ट कैंसर की संभावना कम हो जाती है। ऐसे में दिनभर में कुछ देर की साइकलिंग आपकी ओवरऑल हेल्थ को फायदा पहुंचाती है।

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कैंसर के खतरे को करे कम

वे लोग जो घुटनों की गंभीर समस्या या ओस्टियोपिरोसिस से ग्रस्त हैं। उन्हें साइकलिंग करने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा प्रदूषण का बढ़ रहा स्तर सांस संबधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है। अगर आप अस्थमा या फेफड़ों से जुड़ी किसी अन्य समस्या से जूझ रहे हैं। तो ऐसे में आउटडोर साइकलिंग को अवॉइड करें।

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इन बातों का रखें ख्याल