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By Jyoti Sohi
Published Aug 04, 2023
इस मौसम में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत ज़रूरी है। अगर आप रोज़ाना तरबूज़ का सेवन करती है, तो आपका शरीर पानी की कमती से बचा रहता है। एनसीबीआई के मुताबिक तरबूज में 92 फीसदी पानी की मात्रा पाई जाती है। जो शरीर के तापमान को रेगुलेट करने में सहायक होता है।
विटामिन ए और सी से भरपूर तरबूज में लो कैलोरीज़ होती है। पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर इस फल को खाने से त्वचा में नमी बरकरार रहती है। इसमें पाया जाने वाला अमिलो एसिड सिट्रुलिन शरीर को एक्टिव रखता है। इसके अलावा शरीर का फ्री रेडिकल्स से भी बचाव करता है।
इसमें पाया जाने वाला लाइकोपिन कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में कारगर साबित होता है। इसके अलावा शरीर को ऑक्सिडेटिव डैमेज से बचाने में भी मुख्य भूमिका निभाता है। तरबूज शरीर में ब्लड वैसल्स को भी बढ़ाता है और शरीर को हृदस को मज़बूती प्रदान करता है।
फाइबर से भरपूर इस फल में कैलोरी की मात्रा कम होती है। ऐसे में शरीर में अतिरिक्त फैट जमा होने की समस्या खत्म हो जाती है। इसका सेवन करने से आपका पेट देर तक भरा रहता है। ऐसे में बार बार भूख लगने की समस्या खत्म हो जाती है। वेटलॉस के लिए नियमित तौर पर इसे खाने से फायदा होता है।
तरबूज में पाया जाने वाला लाइकोपिन तत्व कैंसर जैसी घातक बीमारी से आपका बचाव कर सकता है। लाइकोपिन में कीमो प्रिवेंटिव गुण पाए जाते हैं। इस तत्व के चलते तरबूज का रंग लाल हो जाता है। इस एंटीऑक्सीडेंट की मदद से शरीर का कैंसर जैसे रोग से बचाव किया जा सकता है।
तरबूज में पाया जाने वाले अमीनो एसिड यानि साइट्रलाइन तत्व शरीर को मांसपेशियों के दर्द से बचाने में सहायता प्रदान करता है। इसकी मदद से मसल्स को न केवल दर्द से मुक्ति मिलती है बल्कि वर्कआउट करने में भी शरीर एक्टिव महसूस करता है। दैनिक आहार में शामिल करके दर्द दूर किया जा सकता है।
विटामिन ए रिच तरबूज आइज़ के रेटिना में पिगमेंट का उत्पादन उच्च मात्रा में कर पाता है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और धुंधलापन भी दूर होने लगता है। इसको रोज़ाना अपनी मील में शामिल करने से आंखों से संबधी कई समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।
गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक का खतरा बना रहता हैं। दरअसल, गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है और शरीर जल्दी कूल नहीं होता। इससे लू का खतरा बढ़ने लगता है। तरबूज का सेवन करने से न केवल निर्जलीकरण की समस्या हल हो जाती है बल्कि शरीर गर्मी से भी बचा रहता है।