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By Anjali Kumari
Published 17 04, 2024
बेल के शरबत में कई महत्वपूर्ण विटामिन, मिनरल्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी और विटामिन ए मौजूद होते हैं। साथ ही यह पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन का एक बेहतरीन स्रोत है।
बेल के रस में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो आपकी इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करती हैं। गर्मी में इसका सेवन आपकी बॉडी में बैक्टीरिया और वायरस से होने वाले संक्रमण के खतरे को कम कर देता है। इसका सेवन शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार रखता है।
बेल के रस में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इनफ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। ऐसे में यह बॉडी इंफ्लेमेशन से राहत प्रदान करता है और शरीर को आराम पहुंचाता है। गठिया के आयुर्वेदिक उपचार में बेल के गूदे को इसके सूजन-रोधी गुणों के प्रभाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं इसके रस का सेवन शरीर को एंटी इनफ्लेमेट्री प्रभाव प्रदान करता है।
बेल के शरबत को ब्लड प्यूरीफायर के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसमें कुछ ऐसे मिनरल्स होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करते हैं। इसके अलावा, यह प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर के रूप में काम करता है, जिससे लिवर और किडनी की सेहत बनी रहती है।
ट्राइग्लिसराइड्स, सीरम और टिशु लिपिड प्रोफाइल बेल के रस से प्रभावित होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से बेल के रस के सेवन की सलाह दी जाती है। इस प्रकार यह आपके हृदय स्वास्थ्य को पूरी तरह से स्वस्थ रहने में मदद करता है।
बेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो गैस्ट्रिक अल्सर को नियंत्रित करते हैं। गर्मी के मौसम में पाचन संबंधी समस्या बढ़ जाती है, ऐसे में बेल का शरबत पीने से आपको इन पाचन संबंधी समस्याओं को ट्रीट करने में मदद मिलेगी।
गर्मी में त्वचा संबंधी समस्याएं और रैशेज बढ़ जाते हैं। लेकिन बेल में मौजूद पोषक तत्वों की गुणवत्ता इससे छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकती हैं। न केवल बेल का रस बल्कि बेल के पत्ते का तेल भी आपकी त्वचा को संक्रमित करने वाले सामान्य प्रकार के फंगस को रोकता है। यह त्वचा पर चकत्ते और खुजली को ठीक करने में भी मदद करता है।
बेल का शरबत बेहद हाइड्रेटिंग और रिफ्रेशिंग होता है। खासकर ये गर्म मौसम में आपकी बॉडी को ठंडक प्रदान करता है और इन्हें अंदर से हाइड्रेटेड रखता है। जिससे कि हीट स्ट्रोक का और बॉडी हीट बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।