By Anjali Kumari
Published Aug, 2024
भारत में ज्यादातर महिलाएं एनीमिया यानी कि खून की कमी से पीड़ित हैं। ऐसी महिलाओं के शरीर में रेड ब्लड सेल्स काउंट कम होता है, जिसकी वजह से हीमोग्लोबिन का स्तर गिर जाता है। इस स्थिति में महिलाओं की बॉडी को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसलिए अपने हीमोग्लोबिन की जांच करवाएं और इन जरूरी बातों का ध्यान रखते हुए अपने शरीर में खून के स्तर को संतुलित रखें।
थकान, सांस लेने में परेशानी होना, सिर दर्द, चक्कर आना, हाथ और पैरों का ठंडा पड़ना, नाखूनों का पीला पड़ना, पीरियड्स के दौरान कम खून आना, सेक्सुअल डिजायर की कमी, एनीमिया में नजर आ सकते हैं ये लक्षण।
जानें एनीमिया में कौन से लक्षण नजर आते हैं
मछली, चिकन, फलियां, फोर्टिफाइड अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियों में उचित मात्रा में आयरन पाया जाता है, इन्हे अपनी डाइट में शामिल करें। मीट में मौजूद आयरन सब्जियों में मौजूद आयरन की तुलना में अधिक आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। हालांकि, मीट को मॉडरेशन में लेने की सलाह दी जाती है।
आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें
खट्टे फल, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली और विटामिन सी युक्त अन्य फल एवं सब्जियों का सेवन करें। विटामिन सी का सेवन शरीर में आयरन को अवशोषित होने में मदद करता है। इसलिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ भी लेने का प्रयास करें।
विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ लें
चाय, कॉफी, कोको और कैल्शियम के अधिक सेवन से परहेज करें, क्योंकि यह खाद्य पदार्थ आपके शरीर में आयरन के अवशोषण रोक सकते हैं, जिसकी वजह से बॉडी में खून की कमी हो जाती है।
आयरन का अवशोषण धीमा करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें
यदि हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत ज्यादा गिर गया है, और इसका असर आपकी दिनचर्या पर पड़ रहा है, तो डॉक्टर से मिलकर सलाह लें। उनके द्वारा सुझाई गई आईरन सप्लीमेंट्स को नियमित रूप से लेने से आपको बेहतर महसूस होगा। हालांकि, डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना सप्लीमेंट्स लेने से बचना चाहिए।
आयरन सप्लीमेंट लें
यदि आपको पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लड फ्लो होता है, या आपको किसी प्रकार की पाचन संबंधी समस्या है। तो अपने डॉक्टर से मिलकर इस बारे में सलाह लें। यदि आपको इसके कारण का पता लग जाता है, तो इस पर नियंत्रण पाना अधिक आसान हो सकता है। क्योंकि एनीमिया केवल खान-पान के कारण नहीं होती, बल्कि इसके लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
एनीमिया के कारण का पता करें
यदि आपकी उम्र 25 से अधिक है, या आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो आपको हर साल या साल में 2 बार हीमोग्लोबिन की जांच करवानी चाहिए। यदि आपके शरीर में खून की कमी होती है, तो टेस्ट से उसका पता लगाया जा सकता है। वहीं समय रहते उसे मैनेज किया जा सकता है।
नियमित जांच करवाएं
कुछ दवाएं हीमोलिटिक एनीमिया का कारण बन सकती हैं, इसलिए आपको उन्हें लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न लें, क्युकी इससे परेशानी के बढ़ने का खतरा होता है।
दवाओं से परहेज करें