By Yogita Yadav
Published Oct 26, 2024
वातावरण में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली शहर में हर दूसरा व्यक्ति सर्दी, जुकाम, खांसी जैसे संक्रमण से परेशान है। इसके अलावा कई इलाकों में प्रदूषण इतना ज्यादा है, कि सांस लेना दुर्लभ होता जा रहा है। शरीर को प्रदूषण के प्रभाव से लड़ने के लिए और संक्रमण से बचाव के लिए तैयार करना जरूरी है। इसमें कुछ खास घरेलू नुस्खे आपकी मदद कर सकते हैं। ऐसे 5 खास घरेलू उपचार हैं, जो प्रदूषण के प्रभाव और संक्रमण से बचाव में आपकी मदद कर सकते हैं।
हल्दी पाउडर
हल्दी में मौजूद एक्टिव कंपाउंड कर्क्यूमिन, शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदान करते हैं। अपने आहार में हल्दी पाउडर शामिल करें। आप नियमित करी के माध्यम से या हल्दी युक्त ड्रिंक्स को डाइट में शामिल कर हल्दी की गुणवत्ता प्राप्त कर सकती हैं। यह आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम पर प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में सहायता करता है।
अदरक
अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनिटी बूस्टिंग प्रॉपर्टीज इसे संक्रमण से बचाव के लिए एक बेहद खास तत्व बनाती हैं। आप इसे चाय के रूप में डाइट में शामिल कर सकती हैं। साथ ही इसे भोजन में स्वाद और फ्लेवर ऐड करने के लिए शामिल किया जा सकता है। अदरक पोल्यूटेड एयर से जुड़ी श्वसन समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
लहसुन
लहसुन अपने एंटी माइक्रोबॉयल प्रॉपर्टी के लिए जानी जाती है। अपने नियमित भोजन में लहसुन को शामिल करें, इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है। वहीं यह रेस्पिरेटरी समस्याओं से निजात पाने में भी आपकी मदद करता है।
तुलसी के पत्ते और काली मिर्च का काढ़ा
तुलसी के पत्ते और काली मिर्च का काढ़ा पीने से बॉडी इम्यूनिटी बूस्ट होती है, और शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार रहता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें प्रदूषण के कारण सांस लेने में समस्या होती है।
प्राणायाम करें
प्राणायाम फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। मन का शांत रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि तनाव या चिंता की स्थिति में सांस लेने की प्रक्रिया प्रभावित होती है और हार्ट रेट बढ़ जाता है। इससे फेफड़ों पर दबाव पड़ता है। ऐसे में प्राणायाम करने से आप तनाव मुक्त रहती हैं, और इससे आपके फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है।