By Jyoti Sohi
Published Sep, 2024
40 से 45 की उम्र के बीच महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन बढ़ने लगता है। महिलाओं को मेनोपॉज का सामना करना पड़ता है। इसके चलते शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आने लगती है, जिससे मूड स्विंग समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानते हैं मेनोपॉज के ये 5 संकेत, जो महिलाओं की चिंता का कारण बनने लगते है।
पेशाब नियंत्रित न कर पाना
मेनोपॉज के चलते बार-बार यूरिन पास करने की सेंसेशन का सामना करना पड़ता है। दरअसल, एस्ट्रोजन होर्मोन का स्तर बढ़ने से यूरिन कंट्रोल करने में तकलीफ बढ़ जाती है। इसके अलावा वेजाइना में सुखापन बढ़ने लगता है, जो खुजली का कारण बनता है।
हॉट फलेशिज़
शरीर के तापमान में परिवर्तन के चलते नाईट स्वैट का सामना करना पड़ता है। इसके चलते चेहरे और गर्दन पर पसीना बना रहता है, जो नींद न आने की समस्या को बढ़ा देता है। हार्मोन असंतुलन के चलते शरीर में कई प्रकार के केमिकल्स रिलीज़ होते है, जिससे हॉट फलेशिज़ बढ़ जाते हैं।
मूड स्विंग का सामना करना
हार्मोनल बदलाव के चलते कभी तनाव, तो कभी एंग्ज़ाइटी बढ़ जाती है। इसके अलावा व्यवहार में चिड़चिड़ापन भी बढ़ने लगता है। मेनोपॉज में शारीरिक परिवर्तन के अलावा मानसिक स्वास्थ्य पर असर देखने को मिलता है। इस समस्या को रेगुलेट करने के लिए एक्सरसाइज़ करें और अपनी दिनचर्या को संतुलित बनाएं। इसके अलावा आहार पर ध्यान दें।
ब्रेन फॉग का बढ़ना
शरीर में हार्मोन असंतुलन के अलावा पोषक तत्वों की कमी ब्रेन फॉग का कारण बनने लगती है। इसके चलते किसी भी कार्य पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा याददाश्त भी कमज़ोर हो जाती है।
वेटगेन की समस्या
हार्मोन में उतार चढ़ाव आने से पेट और हिप्स पर चर्बी जमने लगती है और मांसपेशियों की कमज़ोरी बढ़ जाती है। दरअसल, नींद की कमी और डिहाइड्रेशन से मोटापे की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में आहार में लो कार्ब डाइट को शामिल करें और भरपूर नींद भी लें।