By Yogita Yadav
Published Dec 19, 2024
आज के समय में लोगों में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। जिसके पीछे परिवार, रिश्ते, बीमारियां, ऑफिस के काम आदि कुछ भी जिम्मेदार हो सकते हैं। परंतु आपको मालूम होना चाहिए कि बढ़ता तनाव आपके हृदय स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। तनाव की वजह से हार्ट अटैक सहित अन्य हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं, हृदय स्वास्थ्य पर तनाव का प्रभाव।
बढ़ जाता है हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर
तनाव के कारण आपकी बॉडी में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जिसे स्ट्रेस हार्मोन कहते हैं। जो आपकी हृदय गति यानी कि हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है। इससे आपके हृदय अधिक कार्य करना पड़ता है, और वे धीमे धीमे कमजोर होती जाती हैं, साथ ही बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाती हैं।
बढ़ जाता है सूजन
क्रोनिक स्ट्रेस आपके शरीर में सूजन को बढ़ा सकता है, जिससे आपकी धमनियों में प्लाक का निर्माण हो सकता है। इससे कोरोनरी आर्टियल डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में हार्ट अटैक, स्ट्रोक या असामान्य हार्ट बिट की समस्या को सकती है।
अनिद्रा, असंतुलित आहार और व्यायाम की कमी
तनाव के कारण अच्छी नींद लेना, व्यायाम करना और स्वस्थ भोजन करना मुश्किल हो सकता है। जीवनशैली में लगाते इस प्रकार के बदलाव के बने रहने से हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकता है। इस प्रकार अन्य कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
अस्वस्थ आदतें
कुछ लोग तनाव की स्थिति में अधिक शराब पीना, धूम्रपान करना और अन्य नशीले पदार्थों का उपयोग करना शुरू कर देते हैं। ये तनाव पर नियंत्रण पाने के अस्वस्थ तरीके हैं। लंबे समय तक इन आदतों के बने रहने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
अनियमित धड़कन
तनाव हृदय की लय को बाधित कर सकता है, जिससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। असंतुलित हार्ट रेट एक अस्वस्थ हृदय की निशानी है, जिसमें हार्ट अटैक का खतरा बेहद अधिक होता है।
कैसे करना है बचाव
तनाव की वजह से बढ़ने वाले हृदय संबंधी समस्याओं पर नियंत्रण पाने के लिए सबसे पहले स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। योग मेडिटेशन जैसी तकनीक में भाग लेने के अलावा अपने दोस्त एवं परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना और अपनी पसंदीदा हॉबी को फॉलो करने से स्ट्रेस मैनेजमेंट में मदद मिल सकती है।