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By Jyoti Sohi
Published July 22, 2024
मखाने का सेवन करने से शरीर को प्रोटीन की प्राप्ति होती है। इसके सेवन से फास्टिंग के दौरान बार बार होने वाली क्रेविंग से भी बचा जा सकता है। कैल्शियम और आयरन से भरपूर मखाने से पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है, जिससे कब्ज की समस्या से बचा जा सकता है। मखाने की बर्फी से शरीर को ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इसके अलावा शरीर में सॉल्युबल और इनसोल्युबल फाइबर की मात्रा बनी रहती है।
कैल्शियम, आयरन, पेटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर साबूदाना की खिचड़ी का सेवन कारगर साबित होता है। इससे डाइजेशन बूस्ट होता है और एपिटाइट को नियंत्रित किया जा सकता है। व्रत के दौरान इसका सेवन शरीर को हेल्दी बनाता है।
कुट्टू का आटा शरीर को फाइबर प्रदान करता है। इससे गट में हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं और शरीर को इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होता है। कुट्टू के आटे का प्रयोग रोटी, पूरी और डोसा बनाने के लिए किया जाता है। इससे तैयार डोसा शरीर को पोषण प्रदान करते हैं और फास्टिंग में बढ़ने वाली थकान को भी दूर करने में मदद मिलती है।
उपवास के दौरान अधिकतर लोग सामक के चावल को आहार में शामिल करते है। इसे पचाना आसान है और इससे खिचड़ी भी तैयार की जा सकती है। साथ ही सामक के चावलों की खीर भी तैयार की जाती है। इससे शरीर को कैल्शियम की प्राप्ति होती है और शरीर को पोषण तत्वों की प्राप्ति होती है।
कार्बस से भरपूर आलू का सेवन करने से शरीर को इंस्टेंट एनर्जी की प्राप्ति होती है। आलू के सेवन से शरीर को मैग्नीशियम की प्राप्ति होती है, जिससे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है। आलू को उबालकर तैयार किया जाने वाला हलवा डाइजेशन को भी बूस्ट करता है, जिससे शरीर व्रत के दौरान पेट दर्द और ब्लोटिंग से बच जाता है।
लौकी की गिनती हाइड्रेटिंग सब्जियों में की जाती है। इसके सेवन से गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी का खतरा नहीं रहता है। इसमें फाइबर और विटामिल की उच्च मात्रा पाई जाती है। देर तक शरीर को संतुष्ट रखने वाली लौकी की खीर में नट्स और सीड्स को मिलाकर इसकी पौष्टिकता को बढत्राया जा सकता है।
शरीर में डायबिटीज़ के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए कच्चे केले की सब्जी का सेवन करे।। इसमें पाई जाने वाली एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा बरसात के दिनों में शरीर को संक्रमण के प्रभाव से बचाने में मदद करती है। व्रत के दौरान केले की सब्जी से शरीर को कैल्शियम और पोटेशियम की प्राप्ति होती है, जिससे गट हेल्थ बूस्ट होती है और हृदय रोगों से बचा जा सकता है।
व्रत के दौरान मुट्ठी भर रोस्टिड नट्स और सीड्स का सेवन करने से बार बार भूख लगते ही समस्या हल हो जाती है। इससे शरीर को हेल्दी फैट्स, फाइबर और प्रोटीन की प्राप्ति होती है। शरीर को एनर्जी प्रदान करने वाले सूखे मेवों से शरीर को नेचुरल शुगर की प्राप्ति होती है। इसके अलावा प्रोटीन और ओमेगा 3 एसिड का स्तर शरीर में बढ़ने वाली थकान और आलस्य को दूर कर देते हैं।
आहार में सेब, केला, पपीता और तरबूत को शामिल करें। इसमें मौजूद विटामिन और विटामिन की मात्रा शरीर में निर्जलीकरण की समस्या को रोकती है। इसके अलावा इससे मिलने वाली फाइबर की मात्रा से एपिटाईट भी नियंत्रित रहता है। फलों के सेवन से शरीर ब्लोटिंग और कब्ज की समस्या से बचा रहता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और शरीर हेल्दी रहता है।
शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा को संतुलित रखने के लिए नारियल पानी, दूध और छाछ का सेवन करें। इससे शरीर में पानी की उचित मात्रा बनी रहती है। हेल्दी पेय पदार्थों से शरीर में पोटेशियम और सोडियम का उचित स्तर बना रहता है। इससे न केवल न्यूट्रिएंट्स की प्राप्ति होती है बल्कि शरीर हाइड्रेटेड रहता है।