एचआईवी पॉजिटिव होना या एड्स होना न केवल शारीरिक रूप से कठिन है, बल्कि मानसिक रूप से भी उतना ही दर्दनाक है। यदि कोई व्यक्ति इससे निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है, तो उसके आस-पास के लोगों का यह कर्तव्य है कि वह उसका सपोर्ट सिस्टम बनें। ऐसा होने पर आपको किस तरह पेश आना चाहिए? इसे और अच्छे से समझने के लिए विश्व एड्स दिवस के अवसर पर हमारे साथ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अंबिका चावला हैं। आइए और किसी के विश्वासपात्र बनना सीखें।