मन की मेधा, एपिसोड-35 | ये गिले-शिकवे का नहीं, प्यार जताने का समय है
मन की मेधा, एपिसोड-35 | ये गिले-शिकवे का नहीं, प्यार जताने का समय है - Mann ki Medhaजब हम दौड़ रहे होते हैं, प्रतियोगिता में होते हैं तब हमें एक-दसरे की कमियां ही नजर आती हैं। हम एक-दूसरे को पछाड़ कर आगे निकलना चाहते हैं। पर यह समय एक-दूसरे को पछाड़ने का नहीं, बल्कि प्रेम जताने और साथ निभाने का समय है। प्रकृति हमें हमारे मूल रूप में आने का समय दे रही है।
जब हम दौड़ रहे होते हैं, प्रतियोगिता में होते हैं तब हमें एक-दसरे की कमियां ही नजर आती हैं। हम एक-दूसरे को पछाड़ कर आगे निकलना चाहते हैं। पर यह समय एक-दूसरे को पछाड़ने का नहीं, बल्कि प्रेम जताने और साथ निभाने का समय है। प्रकृति हमें हमारे मूल रूप में आने का समय दे रही है।