नमस्कार। मेरा नाम अदिति तिवारी है और मैं पत्रकारिता की विद्यार्थी हूं। मुझे हमेशा से बाहर घूमना, नए-नए लोगों से मिलना और हमेशा कुछ रचनात्मक करते रहना पसंद रहा है। इसलिए मैंने पत्रकारिता का कोर्स चुना। सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था और अचानक मार्च 2020 को देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मुझे घर में बंद हो जाना पड़ा। बढ़ता हुआ वजन, मानसिक तनाव और जबरन घर में बंद हो जाने के कारण मुझे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं ने घेर लिया।
जब मुसीबतें आती हैं, तो आपको अकेले ही उनका सामना करना होता है। लॉकडाउन ने मुझे यही सिखाया। जब मुझे अपने दोस्तों, लोगों से मिलने-जुलने और रचनात्मक गतिविधियों की सबसे ज्यादा जरूरत थी, मैं अपने घर में कैद थी। शुक्र है कि कोविड के आने से पहले हम सब डिजिटल दुनिया से जुड़ चुके थे। और यही डिजिटल दुनिया मेरी मददगार साबित हुई,जब मैंने ऑनलाइन योगा क्लास ज्वॉइन की।
“योगा से होगा”– यह वाक्य आपने सुन होगा, लेकिन मैंने इसे अनुभव किया है। योग ने मेरी जीवनशैली को स्वस्थ और सकारात्मक रूप दिया है। इसकी शुरुआत करने से पहले मैं कई शारीरिक एवं मानसिक तनाव से परेशान थी। मुझे स्पॉन्डिलाइटिस (spondylitis) और एंग्जायटी (anxiety) थी। मैंने बहुत सारे उपाय किए, परंतु राहत नहीं मिली।
इस बीच डॉक्टर और फीज़ियो थेरपिस्ट (physiotherapist) ने मुझे व्यायाम करने की सलाह दी। मैं लंबे समय तक इस सुझाव से बचती रही, जिसके कारण तकलीफ बढ़ने लगी। एक समय ऐसा आया जब मेरा वज़न भी मेरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होने लगा। अपने बढ़ते हुए वजन को ढोना मुश्किल हो रहा था, इसके बावजूद कुछ कर नहीं पा रही थी।
मैं तनाव में थी और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण अपने किसी मित्र से मिल भी नहीं पा रही थी। इससे मेरी पढ़ाई और व्यवहार भी प्रभावित हो रहा था। जब हम फ्री होते हैं तो सोशल मीडिया ही स्क्रॉल करते रहते हैं। ज्यादातर निगेटिव माना जाने वाला सोशल मीडिया कभी-कभी बहुत सपोर्टिव भी साबित होता है। और यहीं से मैंने कुछ योगा इंफ्लुएंसर को देखा, जो ऑनलाइन योगा क्लास दे रहे थे।
मैने वर्चुअल माध्यम से योग सीखने की शुरुआत की। यह शरीर में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है अतः इसे सीखने में किसी प्रकार की गलती करने की जगह नहीं होनी चाहिए। गलत योग करने से शरीर पर दुष्प्रभाव भी हो सकता है। अच्छा है कि वर्चुअल होते हुए भी मेरे योगा टीचर ने मेरी गलतियों को सुधारने में मदद की।
ऑनलाइन क्लास लेने के बावजूद मैने पूरी निष्ठा और लगन से इसे सीखा। शुरुआत में मैंने हल्के आसन किए और धीरे-धीरे मध्यम और कठिन आसन तक भी पहुंच गई हूं।
लॉकडाउन मेरे लिए एक ऐसा अवसर बना, जब मैंने यह ठान लिया कि इन सबसे बाहर निकलना है। इस दौरान आत्म विश्लेषण करने के बाद मैंने सोच कि योग को अपनाकर जीवन में परिवर्तन लाने का समय आ गया है। शुरुआत में मैंने हल्के आसन किए और धीरे-धीरे फर्क महसूस होने लगा। इस कारण योग में मेरी रुचि बढ़ने लगी।
मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मेरा शरीर इतना फ्लेक्सबल (flexible) हो सकता है। अब मैं सूर्य नमस्कार, बकासन, शीर्षासन, धनुरासन जैसे योग कर पाती हूं। यह सारे योग मेरे लिए बहुत लाभदायक साबित हुए। योग और प्राणायाम से मेरी बीमारियां कम होने लगी और अब मैं स्वस्थ रहती हूँ। शारीरिक एवं मानसिक रूप से मैंने खुद को स्वस्थ पाया है।
मैंने अपने वज़न पर भी नियंत्रण पाया और प्राकृतिक रूप से उसे कम भी किया है। योग के अभ्यास ने मेरे मानसिक और शारीरिक अनुभव को बेहतर बनाया है। योग हमारे इनर सेंसेशन (inner sensation) के प्रति जागरूक करता है।
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कस्टमाइज़ करेंशुरुआत में कभी-कभी योग एक असहज प्रक्रिया भी लगता था, लेकिन इसके निरंतर अभ्यास से मैंने वर्तमान में जीना सीखा है। हमारा शरीर ऐसे कई तनावों का घर होता है, जिस पर हम कभी ध्यान नहीं देते। लेकिन जब मैं अपने योगा मैट पर आती हूं तो उन सारे तनावों से खुद को मुक्त महसूस करती हूं।
मैं इस मैजिकल अनुभव और परिवर्तन के बाद हर व्यक्ति को यही सुझाव देती हूँ कि “योगा से ही होगा”।
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