जब मेरे फैटी लिवर के कारण मुझे वजन कम करना पड़ा: ये है मेरी फैट टू फि‍ट स्‍टोरी

मिलिए अक्षिता बांगड़ से जिन्होंने अपनी टीनेज में ही हाई कोलेस्ट्रॉल और फैटी लिवर की समस्या का सामना किया। जानिए कैसे इसके बाद उनका जीवन परिवर्तित हो गया।
एक समय में अक्षिता का वजन 94 किलो हो गया था। चित्र: अक्षिता बांगड़
एक समय में अक्षिता का वजन 94 किलो हो गया था। चित्र: अक्षिता बांगड़

नमस्कार, मैं हूं अक्षिता बांगड़, गुरुग्राम में रहने वाली 21 वर्षीय छात्रा हूं। बचपन में मैं काफी एक्टिव थी, 7वीं कक्षा तक खेलकूद में भी आगे थी। मैं राज्य-स्तर की एथलिट थी और तरह-तरह की रेस में हिस्सा लिया करती थी। दौड़ना मुझे बहुत पसन्द था। जब मैं 13 साल की हुई, तो मैंने सोचा कि अपने दायरे को बढ़ाती हूं और कुछ नया ट्राय करती हूं। इसी मन से मैंने तीरंदाजी को स्पोर्ट के रूप में चुना। उस वक्त मुझे नहीं पता था कि तीरंदाजी में लम्बे समय तक एक ही जगह खड़ा रहना पड़ता है।

तीरंदाजी शुरू करने के समय मैं 54 किलो की थी, और 8वीं में आने के कुछ ही महीने बाद मेरा 24 किलो वजन बढ़ गया। नवम्बर तक मेरा वजन 79 किलो पहुंच चुका था।

हाई स्कूल में मैं आलसी हो गई। तीरंदाजी छोड़ चुकी थी, ज्यादातर समय पढ़ने या बिंज वाचिंग में बीतता था। इससे मैं बहुत मोटी हो गयी थी। परिवार के लोग मेरे शरीर के बारे में बातें करते थे, कुछ सलाह देने के लिए तो कुछ तरस खा कर। हालांकि इस तरह की बातें सुनना मेरे लिए कष्टदायक था, मैं अपने शरीर की स्थिति की ओर ध्यान नहीं दे रही थी।

अपने फैटी लिवर के कारण शुरू किया था फैट लॉस

साल 2017 में मुझे याद है कि एग्जाम खत्म होने के बाद मैंने वजन नापा था, और मुझे यकीन नहीं हुआ कि मेरा वजन 94 किलो था।

कुछ दिन बाद मेरे पेट में तेज दर्द हुआ। वह दर्द इतना गम्भीर था कि हम तुरन्त हॉस्पिटल भागे और पूरे शरीर की जांच करवाई। रिपोर्ट आने के बाद मेरे डॉक्टर पिता ने मुझे बताया कि मेरा कोलेस्ट्रॉल बहुत बढ़ा हुआ है और मुझे फैटी लिवर की समस्या है। मैं महज 18 वर्ष की थी और इन बीमारियों ने मुझे कुचल सा दिया था।

अचानक वजन बढ़ जाना थोड़ा अजीब था। चित्र: अक्षिता बांगड़

अचानक वजन बढ़ जाना थोड़ा अजीब था। चित्र: अक्षिता बांगड़उन टेस्ट्स में ही मुझे पता चला कि पिछले चार सालों में मोटापे के कारण मेरे शरीर में यह गम्भीर समस्याएं घर कर चुकी थीं। मेरे पास अपनी गलत और अस्वस्थ आदतों को बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

एक झटके में मेरी अनहेल्दी जीवनशैली का अंत हो गया था

मेरे पापा ने मुझे Liv52 की शीशी मेरे लिवर के लिए दी थी और मेरा आहार बिल्कुल नियंत्रित रहता था। मेरी मम्मी ने मेरे लिए खास डाइट चार्ट बनाया, जिसमें मेरी डाइट में न के बराबर फैट था। मैं दिन में दो वक्त रोटी और हरी सब्जियां खाती थी। साथ ही मैंने एक्सरसाइज शुरू की और खाली समय में साईकल चलाने की आदत डाली।

असफलता में छुपी होती है सीख

इस घटना के बाद मैंने अपनी आदतों में बदलाव किया और 10 किलो वजन घटाने में सफल हुई। मैं अपनी डाइट और एक्सरसाइज के तालमेल से उम्मीद अनुसार ही काम कर रही थी, लेकिन शायद भाग्य में कुछ और ही लिखा था।

जब मैं कॉलेज पहुंची तो 84 किलो की थी। मैं साइकलिंग करती थी, जिससे मेरा वजन घटने की जगह 3 किलो बढ़ गया। अब मैंने अपने वर्कआउट को बढ़ा दिया। 2018 की गर्मियों के अंत तक मैंने और 10 किलो वजन घटाया और मेरा वजन 74 किलो हो गया। मैं अपनी मेहनत से बहुत खुश थी।

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लेकिन 2019 मेरे लिए मुश्किल समय था। अपनी डाइट और एक्सरसाइज फॉलो करने के बावजूद मेरा वजन घटना बन्द हो गया था। उल्टा मेरा वजन 4 किलो बढ़ गया। मुझे एक फेलियर की तरह महसूस होने लगा।

फैट टू फि‍ट जर्नी ने मेरा आत्‍मविश्‍वास बढ़ाया। चित्र: अक्षिता बांगड़
फैट टू फि‍ट जर्नी ने मेरा आत्‍मविश्‍वास बढ़ाया। चित्र: अक्षिता बांगड़

2020 में लॉकडाउन के बाद से मैं खुद पर बहुत मेहनत कर रही हूं। मैंने तय किया था कि मैं घर पर एक्सरसाइज करूंगी और हताश नहीं होउंगी और मैंने खुद को निराश नही किया। मैंने इस दौरान 12 किलो वजन घटाया और अब मैं अपने परफेक्ट वेट को पा चुकी हूं। अपनी वेट लॉस जर्नी के कारण ही मेरा रोडीज में भी चुनाव हो गया है।

यह है मेरा रूटीन

यदि आप भी फिटनेस का सफर तय करना चाहते हैं, तो मैं आप से अपना रूटीन साझा करती हूं।
मैं एक्सरसाइज और डाइट के सही तालमेल में यकीन करती हूं। मैं सुबह ग्रीन कॉफी पीती हूं, फिर एक फल खाती हूं जो आमतौर पर सेब ही होता है। दिन में मैं दो रोटी और सब्जी लेती हूं। बीच में कभी भी भूख लगने पर मैं सिर्फ ताजा फलों का रस ही पीती हूं। मैं दिन में तीन बार दूध पीती हूं।

वर्कआउट से पहले मैं प्रोटीन पाउडर का सेवन करती हूं। प्री-वर्कआउट के रूप में मैं डार्क चॉकलेट लेती हूं। मैं हर दिन दो से चार घण्टे एक्सरसाइज करती हूं।

फि‍टनेस का रास्‍ता इतना भी मुश्किल नहीं। चित्र: अक्षिता बांगड़
फि‍टनेस का रास्‍ता इतना भी मुश्किल नहीं। चित्र: अक्षिता बांगड़

मैं सिर्फ घर का खाना खाती हूं और बाहर का बिल्कुल अवॉयड करती हूं। मैं संतुलित आहार लेती हूं। दूध जरूर लेती हूं क्योंकि इसका कोई अल्टरनेटिव नहीं है। मैं दिन में दो बार ग्रीन टी और गिलोय भी पीती हूं।

जीवन की सबसे बड़ी सीख? खुद पर भरोसा करें

मैं सबसे जरूरी बात यही कहना चाहूंगी कि कोई भी बदलाव एक दिन में नहीं दिखते। नियमित मेहनत के बाद जाकर कहीं विजिबल रिजल्ट दिखते हैं। ऐसे में बहुत से पल आते हैं जब आप हिम्मत हारने लगते हैं। यही नहीं होना चाहिए। खुद पर भरोसा रखें, प्रयास ना छोड़ें और फिटनेस की ओर बढ़ें।

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ये बेमिसाल और प्रेरक कहानियां हमारी रीडर्स की हैं, जिन्‍हें वे स्‍वयं अपने जैसी अन्‍य रीडर्स के साथ शेयर कर रहीं हैं। अपनी हिम्‍मत के साथ यूं  ही आगे बढ़तीं रहें  और दूसरों के लिए मिसाल बनें। शुभकामनाएं! ...और पढ़ें

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