रियल, रिलेटेबल और रिफ्रेशिंग: मिनी माथुर दे रहीं हैं हमें अपनी “अनफिल्टर्ड” लाइफ की एक झलक

सोशल मीडिया लोगों के लिए वह जरिया है जिससे वे अपने पसंदीदा सितारों की जिंदगी की एक झलक पा सकते हैं। यही वजह है कि सेलिब्रिटीज पर बहुत प्रेशर रहता है, लेकिन मिनी माथुर को इस बात की कोई टेंशन नहीं है क्योंकि वे हमेशा अपनी जिंदगी को रियल रखने में विश्वास करती हैं।
मिनी माथुर हमेशा नेचुरल रहना पसंद करती हैं। चित्र: मिनी माथुर
मिनी माथुर हमेशा नेचुरल रहना पसंद करती हैं। चित्र: मिनी माथुर
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Mar 2021, 19:01 pm IST
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सोशल मीडिया वह खिड़की है जिसकी वजह से लोग अपने चहीते सितारों को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। हलाकि, यह एक एडवांटेज है, लेकिन ये सेलिब्रिटीज को हमेशा उन्हें सवालों के घेरे में रखता है, जो कभी-कभी उनके मानसिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता हैं। टीवी होस्ट, अभिनेता और एक मां मिनी माथुर हमें यही सिखाती हैं कि रील और रियल लाइफ के बीच में हमेशा एक सही संतुलन होना बहुत ज़रूरी है।

हम सब उन्हें उनके VJ की इनो से ही पसंद करते हैं! आज भी उन्हें खुद के लिए खड़े होता देख बहुत अच्छा लगता है।

हेल्थ शॉट्स के साथ एक विशेष बातचीत में, मिनी हमें बताती है कि वह “इसे रियल रखने” में कैसे विश्वास करती है। इसके साथ ही उन्होंने सेल्फ केयर और बढ़ती उम्र जैसे मुद्दों पर भी बात की।

सोशल मीडिया पर नेचुरल रहना

मिनी का सोशल मीडिया फीड देखकर बहुत ख़ुशी मिलती है- वे अक्सर अपने जीवन से ऐसी झलकियां साझा करती हैं, जिससे लगता है कि वे भी हमारी तरह ही हैं! उनके के लिए, सोशल मीडिया उनकी मान्यताओं, सुंदरता, उनकी राय और उनके जीवन को साझा करने के बारे में है।

मिनी सोशल मीडिया पर भी अनफि‍ल्‍टर्ड रहना पसंद करती हैं। चित्र: मिनी माथुर
मिनी सोशल मीडिया पर भी अनफि‍ल्‍टर्ड रहना पसंद करती हैं। चित्र: मिनी माथुर

मिनी कहती हैं कि : मेरा फीड कोई मैगज़ीन का कवर नहीं है, जिसमें परफेक्शन होना चाहिए। बल्कि लोगों को इसे देख कर ऐसा लगना चाहिए कि ”ओह ये तो मैं हूं”! ”अरे वाह… ये मुझे भी ट्राई करना चाहिए”। मुझे एक्सेप्टेबल होना पसंद है, लोगों के मन में किसी तरह की इर्ष्या पैदा करना नहीं चाहती। ऐसा महसूस करवाना मेरा मकसद नहीं कि मैं कितनी सौभाग्यशाली हूं। मैं अपने फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए अपना सोशल मीडिया फीड डिज़ाइन नहीं करती। क्योंकि, ऐसा करना सिर्फ एडवर्टाइजर्स के लिए सही है। यह आपकी बुद्धिमत्ता का प्रमाण नहीं है। रियलिटी ऑर्गेनिक होती है और ज्यादा आकर्षक भी।

सोशल मीडिया ने शालीनता की हत्‍या कर दी है 

हां.. इसमें कोई दो राय नहीं कि सोशल मीडिया ने लोगों और सेलिब्रिटीज के बीच की दीवार को खत्म कर दिया है, लेकिन उन्हें ऐसा लगता है कि इसने सभ्यता को भी खत्म कर दिया है। अगर आप अपने विचारों को लेकर वोकल हैं, तो आपका ट्रोल होना बहुत आम बात है। परंतु मिनी को इस बात से इतना फर्क नहीं पड़ता।

वे कहती हैं, “मैं इस तथ्य से नफरत करती हूं कि कोई भी व्यक्ति एक बेनाम हैंडल के पीछे छिप सकता है और आपको गाली दे सकता है या अनुचित बातें कह सकता है या आपको ट्रोल कर सकता है। सोशल मीडिया ने असंवेदनशील संचार को लाइसेंस दिया है। यह मेरे विचार में स्टारडम की मृत्यु है। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं एक जगह पर हूं, जहां मैं अपना जीवन सामान्य रूप से जी सकती हूं और जो भी करती हु उसके लिए पहचाने जाना पसंद करती हूं।

खुद पर गर्व होना चाहिए। चित्र: मिनी माथुर
खुद पर गर्व होना चाहिए। चित्र: मिनी माथुर

लेकिन, मुझे भी ट्रोल्स का सामना करना पड़ता है, अगर मेरे विचार थोड़े अलग होते हैं। कभी-कभी मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा भी आता है। ये लोगों की मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है, अगर उन्हें नहीं पता होता कि कहां बस करना है। शुक्र है कि मैं लकी हूँ!

मिनी माथुर का रूढ़ियों पर क्या कहना है

ग्लैमर उद्योग में महिलाओं को अक्सर मांगें पूरी करने के लिए दबाव डाला जाता है। खासकर एक निश्चित तरह से दिखने के लिए। मिनी हमेशा से ही रूढ़ियों को तोड़ने की बात करती आई हैं। अपनी बॉडी को लेकर कम्फर्टेबल होने का सन्देश देती आई हैं। कई अन्य लोगों के विपरीत, उन्होंने कभी भी सौंदर्य के अवास्तविक मानकों के प्रचार में विश्वास नहीं किया। वास्तव में, वे अपने ब्यूटी रूटीन को अपने दर्शकों के साथ साझा करने के बारे में भी बहुत स्पष्ट है और वास्तविक है!

मिनी स्‍टीरियोटाइप में विश्‍वास नहीं करती। चित्र: मिनी माथुर
मिनी स्‍टीरियोटाइप में विश्‍वास नहीं करती। चित्र: मिनी माथुर

“इंस्टाग्राम और फिल्टर ने सौंदर्य के बेंचमार्क को बर्बाद कर दिया हैं। मुझे लगता है कि हर कोई खुद को आदर्श वस्तुओं के रूप में पेश कर रहा है। कौन तय करता है कि क्या सही है? महिलाओं को अपने सौंदर्य मानकों को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है। उम्र बढ़ने पर शर्मिंदा होने जैसी कोई बात नहीं है।

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उन्हें अफसोस होता है कि 40 और 50 के वर्ष में महिलाओं के लिए कम भूमिकाएं लिखी जाती हैं

मिनी कहती है “यह दुख की बात है कि 20 की उम्र के लोग अभी भी 50 की भूमिका निभा रहे हैं। मैं हमेशा से कह रही हूं कि हमें महिलाओं के लिए उनके 40 और 50 के दशक में अलग-अलग कंटेंट बनाने की आवश्यकता है। आप युवा से सीधे वृद्ध नहीं हो सकते। बीच में जीवन के दो दशक हैं!

जब तक आप स्वस्थ रहेंगे, शरीर में परिवर्तन वास्तविक हैं। आप उन्हें नियंत्रित नहीं कर सकते, कोई भी नहीं कर सकता। मैं महिलाओं को उनकी उम्र, उनके अनुभव, खुद को थोड़ा और अधिक महत्व देने और अपने बच्चों पर गर्व महसूस करने की सलाह दूंगी। उन्हें अपने घर संभालने, खाना पकाने पर गर्व महसूस होना चाहिए।

सेल्फ केयर करने का उनका तरीका

मिनी कहती है: ”मैं मी टाइम, स्पेस और गर्लफ्रेंड की बहुत बड़ी बिलीवर हूं। इसके अलावा, मैंने हमेशा काम किया है, आर्थिक रूप से स्वतंत्र रही हूं और मेरे लिए सेल्फ केयर है। जब आप किसी पर आर्थिक रूप से निर्भर नहीं होती हैं, तो आप अपने लिए सही निर्णय लेती हैं।

जैसे… मुझे स्पा बहुत पसंद है। मैं डिटॉक्स ट्रिप लेती हूं। मुझे त्वचा की देखभाल करना, बाजार में नए उत्पाद खरीदना, एसेंशियल ऑयल्स, मोमबत्तियां ..सब बहुत पसंद है। मैं नियमित रूप से अपने दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाती हूं। मुझे पता है कि मैं प्रिविलेज्‍ड हूं, लेकिन मुझे लगता है कि अगर मैं ऐसी नहीं भी होती तो भी मैं खुद के लिए वक़्त निकाल लेती”।

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