एक समय तक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स को भी अजीब नजर से देखा जाता था, मेंटल हेल्थ और इस प्रोफेशन से जुड़े स्टिग्मा पर बात कर रहीं हैं डॉ. राशि अग्रवाल

मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ राशि अग्रवाल यह मानती हैं कि मन की हर बीमारी तन से जुड़ी होती है। इसलिए अगर समाज में महिलाओं से भेदभाव को खत्म किया जाए, तो वह एंग्जाइटी, तनाव और अवसाद की कम शिकार होंगी।
Dr. Rashi Agarwal mental health taboos ko door karne ki disha me kam kar rahi hain
डॉ. राशि अग्रवाल चाहती हैं कि महिलाओं के प्रति भेदभाव खत्म हो और वे खुश रहें।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 23 Oct 2023, 09:13 am IST
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भारत में अभी-भी मेंटल हेल्थ पर बात करना वर्जित माना जाता है। समस्या का निदान करना तो दूर की बात है। ऐसी स्थिति में कुछ लोग हैं, जो दूसरों की मानसिक समस्याओं को समझने की कोशिश कर रहे हैं, और जो उनका निदान भी बताते हैं।

वे उनके जीवन के स्याह पक्ष को अपने उपचार से रोशनी प्रदान करते हैं। उन्हें बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती हैं। ऐसी ही मददगार इंसान हैं डॉ. राशि अग्रवाल, जो पेशे से एक मनोचिकित्सक हैं। वे अपने प्रयास से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मिथकों के पीछे के सच को सामने लाती हैं और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी करती हैं।

एक सार्थक बातचीत

डॉ. राशि के पेरेंट्स डॉक्टर हैं। उनके मार्गदर्शन में पली-बढ़ी डॉ. राशि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े संकट और भ्रम पैदा करने वाली गलत जानकारियों के बारे में बात करती हैं। जो नेगेटिव बातें लोगों को इलाज से दूर रखती हैं, उनके बारे में भी विस्तार से बात करती हैं। हेल्थ शॉट्स के साथ डॉ. राशि ने अपनी जिंदगी और करियर के बारे में खुलकर बातचीत की। दुनिया को बेहतर बनाने में योगदान देने के लिए उनकी सराहना होनी चाहिए।

पेरेंट्स से मिली दूसरों की मदद करने की सीख

डॉक्टर के परिवार में जन्मी और पली-बढ़ी डॉ. राशि शुरू से यह बात जानती थीं कि बड़ी होने पर वह भी दूसरों की मदद करेंगी। डॉ राशि बताती हैं, ‘मैं इस बात की शुक्रगुजार हूं कि माता-पिता के डॉक्टर होने की वजह से मेरा जीवन इस तरह का हो पाया। जाहिर है, वे दोनों मेरे हीरो हैं और वे मेरे गुरु भी हैं। मैंने बचपन से उन दोनों को दूसरों के जीवन में बदलाव लाते हुए देखा। इसलिए बड़े होने पर मुझे लगा की मुझे भी दूसरों के लिए कुछ करना चाहिए।’

मनोचिकित्सा को एक विषय के रूप में चुनना आलोचना का विषय है

हाल के कुछ वर्षों में मेंटल हेल्थ के परिदृश्य में जरूर बदलाव आया है। पर पहले ऐसा नहीं था। डॉ. राशि बताती हैं, “शुरुआत में इसके लिए काम करने में कठिनाई हुई, क्योंकि इसे पारंपरिक नहीं माना जाता था। आम तौर पर जब आप मनोरोग चिकित्सा के बारे में बताती हैं, तो पहली बार में आपको सही जवाब मिलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लोग कहते हैं, ओह, क्या इसके अलावा कुछ और नहीं कर सकती थीं? आपने इसे क्यों अपनाया? मुझे उम्मीद है आप पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा होगा। आपकी पर्सनल लाइफ ठीक होगी। इस तरह की बातें आपको सुनने को मिल सकती हैं।”

“मुझे लगा कि इस वर्जना को तोड़ना होगा और मुझे इस क्षेत्र में कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। यह क्षेत्र अलग जरूर था, लेकिन मुझे लोगों की समस्याओं को हल करके ख़ुशी मिलती थी। यह सामाजिक रूप से भी अब प्रभावी साबित हो रहा है।’

लोगों तक अनकहे मुद्दे पहुंचाने के लिए बनाया सोशल मीडिया पेज

मानसिक स्वास्थ्य पर बात करने पर लोग डॉक्टर, बीमारी और रोगी सभी को गलत दृष्टि से देखते हैं। डॉ राशि कहती हैं, “मैं एक हेल्थकेयर प्रोवाइडर हूं। मुझे, रोगी और मानसिक बीमारी को भी स्टिग्मा के रूप में देखा जाता है। हालांकि अब परिदृश्य बदल रहा है।”

डॉ. राशि मानती हैं कि सोशल मीडिया और लॉकडाउन के कारण भी यह बदलाव हुआ। इसके कारण लोग ‘अनकहे’ मुद्दों के बारे में बात करने लगे। उन्होंने अपना सोशल मीडिया पेज @drrshipsychiatrist इसी कारण शुरू किया। राशि से बहुत सारे प्रश्न ऑफ़लाइन पूछे जाते थे।

वे कहती हैं, ‘मुझे लगा कि उत्तर काफी सरल थे। यदि जवाब अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे, तो समाज को निश्चित रूप से फायदा होगा। उस समय कोई भी ऐसा नहीं कर रहा था। मुझे लगा कि इससे बहुत अधिक संख्या में लोगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। यदि एक व्यक्ति को भी सही जानकारी मिलती है, तो मेरा काम हो गया। ”

मन से ही जुड़ा है शरीर

आप सोचती होंगी कि आपका दिमाग और शरीर दो अलग-अलग चीजें हैं। ऐसा नहीं है, आपकी स्थिति के आधार पर आपका भावनात्मक स्वास्थ्य अच्छा और खराब दोनों हो सकता है। डॉ. राशि कहती हैं कि अगर आपका दिमाग ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो शरीर भी ठीक से काम नहीं करेगा। आपका मानसिक स्वास्थ्य आपको शारीरिक रूप से भी प्रभावित कर सकता है।

एंग्जाइटी पेट की समस्याओं से जुड़ी हुई है, इसलिए आप ठीक से खा नहीं पाती हैं। यह अनुभूति से जुड़ा है। आप अच्छी तरह से सोचने में असमर्थ हैं। यह कहीं न कहीं आपके सांस लेने की समस्या, धड़कन या उस घबराहट से जुड़ा हो सकता है। इसके बावजूद हम मानसिक स्वास्थ्य समस्या को लगातार नज़रअंदाज़ करते रहते हैं।

वे कहती हैं, ‘मुझे आशा है कि एक दिन हम ब्लड टेस्ट के साथ-साथ अवसाद के स्तर या अन्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों की जांच भी जरूर कराएंगे। यह अभी तक संभव नहीं हुआ है।

सही समय पर सही इलाज है जरूरी

साइकोलॉजिस्ट इस बात पर जोर देती हैं, ‘जब मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं किसी व्यक्ति को प्रभावित करती हैं, तो उसका कार्य या अन्य चीज़ें भी प्रभावित हो जाती हैं। जीने की चाह खत्म हो सकती है। यह डरावना हो सकता है, इसीलिए सही समय पर सही इलाज और सही मदद लें।’

जैसे-जैसे आप बड़ी होने लगती हैं, मुझे लगता है कि आपके पास अतिरिक्त जिम्मेदारियां आने लगती हैं। जिससे चीजें और अधिक जटिल हो जाती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए और भी ज्यादा सजग हो जाएं।

भेदभाव नहीं होगा, तो ज्यादा खुश रह पाएंगी महिलाएं

“आप मानें या न मानें जब महिलाओं के लिए समान अवसरों की बात आती है, तो अब भी एक बड़ा अंतर दिखाई देता है। क्या आप जानती हैं कि भारत में महिला साक्षरता दर 62 प्रतिशत है, जबकि पुरुषों के लिए यह 80 प्रतिशत है? इस तरह के मुद्दों को हल करने के लिए परिवर्तन की शुरुआत घर से करना महत्वपूर्ण है।

डॉ. राशि परिवारों को अपने बच्चों के साथ समान व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। महिलाओं की हर अगली पीढ़ी को पिछली पीढ़ी से बेहतर होना चाहिए। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हर बच्चे को समान शिक्षा के अवसर दिए जा रहे हैं। जब वह लड़की बड़ी हो जाएगी, तब वह खुश रह सकेगी। ये बात उसके जीवन में तनाव को अपने आप कम कर देगी।”

अपने लिए समय निकालें

डॉ. राशि के अनुसार, आप कितनी भी व्यस्त क्यों न हों या आप पर कितनी भी जिम्मेदारियां क्यों न हों, आपको अपने लिए समय निकालना चाहिए। कभी-कभी लोग आपको रोकने की कोशिश कर सकते हैं या अन्य चीजें बाधा बन सकती हैं। अपने लिए यह सुनिश्चित करें कि आप कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो। भले ही यह संगीत सुनने या सोने या व्यायाम करने के केवल 15 मिनट ही क्यों न हों। वही करें जो आपको खुश करता है।”

शायद आप नहीं जानतीं पर नींद आपकी सबसे अच्छी दोस्त है। जब आप 21 साल की होती हैं, तो आपको इसके महत्व का पता नहीं चलता है। धीरे-धीरे जब आपका शरीर बदलता है, तो आपको पता चलता है कि सोना कितना महत्वपूर्ण है। कम से कम 6-8 घंटे की नींद महत्वपूर्ण है।

डॉ. राशि अग्रवाल मेंटल हेल्थ से जुड़े हर मिथक को तोड़ना चाहती हैं।

अपनी लड़ाई बुद्धिमानी से लड़ें

डॉ. राशि कहती हैं, ‘अपने जीवनकाल में आप कई समस्याओं और झगड़ों से गुज़रेंगी, आप उन सभी में जीत हासिल नहीं कर सकती हैं। अपनी लड़ाई बुद्धिमानी से चुनें। जीवन गुलाबों का बिस्तर नहीं है, लेकिन हमें उन लड़ाइयों में स्मार्ट होना चाहिए जिन्हें आप लड़ना चाहती हैं और जिन्हें हम पीछे छोड़ना चाहते हैं। हर चीज से निपटने की कोशिश आपको केवल तनाव देगी’’।

मेंटल हेल्थ के लिए भी जरूरी है स्वस्थ आहार और सही जीवन शैली

आप स्वस्थ आहार और स्वस्थ जीवन शैली के महत्व को कम नहीं आंक सकती हैं। यह आपको बहुत सी चीजों से निपटने में मदद कर सकता है । यदि यह मदद नहीं करता है, तो आप अन्य चीजों को आजमा सकती हैं। ध्यान आपके जीवन को बदल सकता है। थेरेपी भी काम करती है। समस्या चाहे कितनी भी बड़ी या छोटी क्यों न हो, उपचार से हानि नहीं होती है। अच्छी नींद, स्वस्थ आहार और कभी-कभी जंक फ़ूड भी शामिल हो सकता है। आपको एक कम्फर्ट जोन बनाने की भी जरूरत है, जो आपको खुश रखे। उदाहरण के लिए यदि आप नृत्य करना पसंद करती हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इसे कर रही हैं।

(डॉ. राशि अग्रवाल को हेल्थ शॉट्स शी स्लेज़ अवार्ड्स के लिए मेंटल हेल्थ एडवोकेट श्रेणी में नामांकित किया गया है। उनके लिए वोट करने या हमारे अन्य नोमिनेशन की रिव्यु करने के लिए, कृपया शी स्लेज़ अवार्ड्स नोमिनेशन देखें !)

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