एक जंक फूड लवर आज है सेलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट, पढ़िए फूड, डाइट और हेल्थ पर नेहा रंगलानी के विचार

बचपन में प्रसिद्ध न्यूट्रिस्निष्ट नेहा रंगलानी मोटापे की शिकार थीं। इसलिए बड़े होने पर उन्होंने चाहा कि दुनिया का हर एक व्यक्ति स्वस्थ और तंदुरुस्त हो। इसके लिए वे लगातार प्रयास कर रही हैं। यहां है उनके संघर्ष और सफलता पाने की कहानी।
कॉलेज लाइफ में नेहा रंगलानी ने कभी सोचा नहीं था कि वह पोषण और हेल्थ के लिए काम करेगी। अब तो वे सिर्फ हेल्दी खाती हैं और उसी का प्रचार भी करती हैं।
Updated On: 30 Mar 2023, 12:33 pm IST
  • 125

किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए समर्पण और दृढ़ संकल्प सबसे अधिक जरूरी है। मानव जाति की बेहतरी के लिए किये जाने वाले काम के लिए तो ये दोनों बातें बेहद महत्वपूर्ण हैं। न्यूट्रिस्निष्ट नेहा रंगलानी का सपना है कि उनके प्रयास से हर व्यक्ति हेल्दी हो। हममें से ज्यादातर लोगों की तरह नेहा जंक फूड की शौक़ीन थीं। मीठे पकवान उन्हें बेहद पसंद थे। आप कह सकती हैं कि पोषण की दुनिया से उनका कोई लेना-देना नहीं था। जिस व्यक्ति का हेल्दी फ़ूड से कोई लेना-देना नहीं हो, वह न्यूट्रिशन वर्ल्ड में सबसे प्रसिद्ध कैसे हो गया? किस बात ने उसे सभी को स्वस्थ बनाने के लिए प्रेरित किया? हेल्थ शॉट्स से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में नेहा ने अपने जीवन के कई अनजाने पहलुओं से लोगों को रूबरू (Nutritionist Neha Ranglani inspirational story) कराया।

फ़ूड लिखा देखकर फूड एंड न्यूट्रिशन वर्ल्ड में की एंट्री

बचपन में नेहा रंगलानी एक ऐसी गोल-मटोल बच्ची थीं, जो मिठाई और जंक फूड से बेहद प्यार करती है। कॉलेज लाइफ में उसने कभी सोचा नहीं था कि वह पोषण और हेल्थ के लिए काम करेगी। अब तो वे सिर्फ हेल्दी खाती हैं और उसी का प्रचार भी करती हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि पूरी तरह से उनमें इवोल्यूशन हो गया है।

पुराने दिनों को याद करते हुए नेहा बताती हैं, “मैं जंक फ़ूड और शुगर आइटम्स की आदी थी। तले हुए स्नैक्स, चीनी, बिस्कुट और केक- ये सभी चीजें मैं रोज थोक में खाती थी। मैंने कभी भी हेल्दी फ़ूड और न्यूट्रिशन के बारे में कभी नहीं सोचा था। मैं असमंजस में थी कि आगे जीवन में मैं क्या बनूं! मैं बहन के साथ कॉलेज गई और वहां ‘फूड एंड न्यूट्रिशन’ कोर्स में दाखिला ले लिया। उस समय मैंने फ़ूड देखकर खुद से कहा ‘मुझे खाना बहुत पसंद है’। यह मेरे लिए सही रहेगा और इस तरह से मेरी यात्रा शुरू हो गई।”

ओबीज होने की नहीं थी शर्मिंदगी

हंसते हुए नेहा रंगलानी बताती हैं ” स्कूल में मैं सबसे अधिक चुलबुली और मोटी बच्ची थी। मुझे ‘मोटी’ कह कर पुकारा जाता था। सच कहूं, तो इस शब्द ने मुझे ज्यादा परेशान नहीं किया। मुझे पता था कि मैं बहुत मोटी नहीं हूं। सोशल मीडिया का प्रभाव भी तब उतना ज्यादा नहीं था। इसलिए उस समय के टीन्स में इतनी शर्मिंदगी या तुलना का भाव नहीं होता था। निश्चित रूप से फिट एंड फाइन दिखने का दबाव भी नहीं था।”

छात्र जीवन में बेहतर दिखने की हुई चाहत

नेहा को पढ़ाई करने में मजा आता था। वह सबसे होनहार छात्रों में से एक थी। इसलिए किसी तरह की बातें उसे ज्यादा परेशान नहीं करती थीं। लेकिन जैसे ही उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया, उसे यह एहसास हुआ कि उसे बेहतर दिखना चाहिए। अपने बारे में उसे बेहतर महसूस करना चाहिए। उन्होंने बताया, “स्लीवलेस पहनना है या शॉर्ट ड्रेसेस पहननी है, तो आपके लिए फिट होना जरूरी है। यहीं से मुझे फिट होने की प्रेरणा मिली। मुझे लगा कि मैं ऐसा करने के लिए बनी हूं। मैंने पोषण विशेषज्ञ बनना तय कर लिया।”

शुरुआत में सिर्फ दूसरों को देतीं सलाह खुद पर नहीं आजमातीं 

वे अपनी बात साझा करती हैं, ‘ शुरुआत में मैं एक ऐसी पोषण विशेषज्ञ थी, जो दूसरों को उपदेश देती, लेकिन खुद उसका अभ्यास नहीं करती। मैं लोगों से कहती कि यह और वह न खाएं, जबकि खुद यह सब खा रही थी। लेकिन एक दिन मुझे लगा कि ‘यह मेरा पाखंड है।” धीरे-धीरे पोषण रंगलानी की प्राथमिकता बन गया। उन्होंने जिम जाना शुरू किया और तले हुए भोजन की जगह फल जैसे हेल्दी फ़ूड को डाइट में शामिल किया। वे कहती हैं, “खाने-पीने को लेकर मेरी इच्छा और आदतें बदल गईं। इस तरह यह सब शुरू हुआ।”

परिवर्तन की शुरुआत स्वयं से होनी चाहिए

“एक बार जब आप बदलना शुरू करती हैं, तो आप बढ़ना और विकसित होना शुरू करती हैं। आप नई चीजों को सीखती हैं और जीवन में बेहतर चीजों से जुड़ती भी हैं।“ नेहा रंगलानी निजी और पेशेवर दोनों तरह की लाइफ में इन बातों का पालन करती हैं। वे कहती हैं, “मुझे लगता है कि समाज में परिवर्तन देखने के लिए आपको खुद में परिवर्तन लाना होगा।

यदि हम अन्य लोगों को बदलना चाहते हैं, तो परिवर्तन स्वयं के भीतर शुरू होना चाहिए। उदाहरण के लिए हम किसी व्यक्ति का पोषण समग्र रूप से देखते हैं, तो जानना चाहते हैं कि वे कौन हैं? उनकी पृष्ठभूमि कैसी है? वे कहां से आए हैं? उन्हें तनाव क्यों हो रहा है? उनकी नींद का चक्र कैसा है?

अच्छे परिणाम के लिए सभी से लें प्रेरणा 

एक बार जब आप किसी व्यक्ति के जीवन के इन पहलुओं को जान लेती हैं, तो आप उनकी जीवन शैली को बदलने में उनकी मदद करना शुरू कर देती हैं। आपको अच्छे परिणाम दिखाई देने लगते हैं।” रंगलानी कहती हैं कि अगर आपको श्वास क्रिया या ध्यान करना नहीं आता, तो आप दूसरों को ऐसा करने के लिए कैसे कहेंगी? इसलिए अगर आप दूसरों की मदद करना चाहती हैं, तो आपको खुद में कुछ बदलाव लाने होंगे।

नेहा महिलाओं को सशक्त तरीके से खुद को प्राथमिकता देने की बात कहती हैं।

दृढ़ विश्वास के साथ आप संदेश दे सकती हैं और मानव जाति को भी बदल सकती हैं। यह फार्मूला सिर्फ वजन कम करने के बारे में नहीं है, यह परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करने के बारे में है

महिलाएं स्वास्थ्य को बनाएं पहली प्राथमिकता

ऐसी दुनिया में जहां अधिकांश क्षेत्रों में महिलाएं प्रेरक शक्ति बन गई हैं, सशक्त तरीके से खुद को प्राथमिकता देना शुरू करें। भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। इसके लिए रंगलानी कहती हैं, “आप एक खाली कप से पानी नहीं डाल सकतीं। आपको पहले खुद पर ध्यान देना होगा। अपना ख्याल रखना शुरू करना होगा। न केवल अपने आहार पर, बल्कि अपने मूड पर भी ध्यान देना होगा। रंगलानी कहती हैं, “एक अलग महिला बनें, जो जीवन की अच्छाइयों के साथ-साथ स्वस्थ रहना भी सीखे। तभी आप वह सारी अच्छाई अपने परिवार में डाल सकेंगी। एक खुशहाल महिला ही एक खुशहाल परिवार बनाती है।”

(नेहा रंगलानी को हेल्थ शॉट्स शी स्लेज अवार्ड के गेमिंग स्टार कैटेगरी में नामित किया गया है। उन्हें वोट करने और उनकी जैसी और भी प्रेरक स्त्रियों के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-शी स्लेज अवार्ड्स )

यह भी पढ़ें :-मदरहुड के अनुभवों ने बनाया मॉमप्रेन्योर : अपने ब्रांड, मातृत्व के अनुभव और परवरिश पर बात कर रहीं हैं प्रियंका रैना

लेखक के बारे में
टीम हेल्‍थ शॉट्स
टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं।

अगला लेख