मासिक धर्म स्वच्छता (Menstrual hygiene) के बारे में चर्चा हर साल 28 मई (28 May) को जोर पकड़ती है। जब दुनिया मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे (Menstrual hygiene day) मनाती है। पीरियड की बातचीत को सहज बनाने के लिए दुनिया भर की हस्तियां कई स्टिगमा को तोड़ रही हैं और अपने अनुभव साझा कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स में, हमने अभिनेत्री आलिया भट्ट की बहन शाहीन भट्ट से बात की। वे अपने अनुभव साझा करते हुए बता रहीं हैं कि पीरियड्स होना कोई इतनी बड़ी बात नहीं है its #NoBigDeal।
शाहीन भट्ट ने अपनी बुक आई हैव नेवर बीन (अन) हैप्पीयर के माध्यम से अवसाद के साथ अपनी लड़ाई को साझा किया है। अब उनसे जानिए कि पीरियड्स के बारे में उनका पहला अनुभव नकारात्मक क्यों था। जानिए उनका पहला पीरियड अनुभव
जब मैं 13 साल की थी तब मुझे पहली बार पीरियड्स हुए थे। भले ही मेरी मां ने मुझे पहले से ही पीरियड्स के बारे में बता रखा था, लेकिन फिर भी जब पहली बार मुझे पीरियड्स आए तो, मुझे बहुत शर्मिंदगी का एहसास हुआ। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मुझे पीरियड्स के बारे में बहुत सारी गलतफहमियां थीं।
ये उन लोगों के कारण हुआ जो मेरे आसपास रहकर बातें बनाया करते थे। मगर अब जब में पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे लगता है कि यह मेरी टीनएज लाइफ का एक नया और रोमांचक अनुभव होना चाहिए था, लेकिन यह मेरे लिए एक तनावपूर्ण समय बन गया।
सबसे अजीब चीजों में से एक जो मैंने कभी पीरियड्स के बारे में सुनी है, वह है कि ‘ हमारे शरीर से गंदा खून निकलता है।” अगर वाकई में देखा जाये तो यह कितना निगेटिव तरीका है, पीरियड्स को देखने का। जब आपको ऐसा कुछ कहा जाता है, तो आप महसूस करते हैं कि आपके शरीर में कुछ बुरा है, जिसे महीने में एक बार बाहर निकालने की जरूरत है।
पीएमएस के दौरान, मैं ब्लोट हो जाती हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे बहुत दर्द नहीं होता है, लेकिन मुझे शुगर क्रेविंग्स होती हैं। इससे निपटने के लिए मेरी खास तरकीब सिर्फ मीठा खाना है। मगर मैं इस अनुभव को बड़ी आसानी से स्वीकार करती हूं और इसका मज़ा लेती हूं।
मैं इस समय बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करती हूं। अब पीरियड्स हर महीने आते हैं, इसलिए इतना सारा प्लास्टिक वेस्ट करने का कोई मतलब नहीं है। तो मैंने बायोडिग्रेडेबल उत्पादों पर स्विच किया और मैं इनका इस्तेमाल करके बहुत खुश हूं। मगर अब, मैं मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने के बारे में सोच रही हूं, क्योंकि मेरे बहुत सारे दोस्तों ने उनका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था और उनमें से एक का कहना है कि ये लाइफ चेंजिंग है।
यह महत्वपूर्ण है कि हमें मासिक धर्म के बारे में बात करने को नॉर्मल करने की आवश्यकता है क्योंकि इसके बारे में बहुत गलत जानकारी और अज्ञानता है। मासिक धर्म के बारे में लोगों को शिक्षित करना वास्तव में आवश्यक है, विशेष रूप से उन लोगों को जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। इन लोगों में शिक्षा की कमी के कारण, मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है, जिसके बारे में जानना वास्तव में महत्वपूर्ण है।
कई जगह पीरियड्स में लड़कियों को स्कूल छोड़ने के लिए कहा जाता है, रसोई में नहीं जाना चाहिए, महिलाओं को पूजा स्थलों और इस तरह की चीजों में जाने की अनुमति नहीं है। क्योंकि किसी कारण से हमें यह सिखाया गया है कि पीरियड्स बुरे और नेगेटिव होते हैं।
सैनिटरी नैपकिन खरीदने के लिए केमिस्ट के पास जाना और भूरे रंग के पेपर बैग के साथ बाहर आना, जैसे कि यह कोई शर्म की बात है, ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह शर्म की बात नहीं है। हमें इन सभी गलत धारणाओं से निपटने की जरूरत है। इसके बारे में बात करना ही इसे नॉर्मल बनाने का एकमात्र तरीका है। हम जितना ज़्यादा इसके बारे में बात करेंगे, उतना ही यह नॉर्मल होता चला जाएगा।
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