मेहनत (Hard work) , सकारात्मक सोच (Positive thinking) और परिवार के सपोर्ट (Family support) से बढ़कर कुछ भी नहीं। ये तीनों अगर साथ हों, तो मंजिल चाहें कितनी भी दूर हो, उसे पाने से कोई नहीं रोक सकता। 21 साल बाद भारत के लिए मिस यूनिवर्स (Miss Universe 2021) का ताज पहनने वाली चंडीगढ़ की हरनाज़ कौर संधु (Harnaz Sandhu) ने यह साबित कर दिया है। कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौर में मिस यूनिवर्स (Miss Universe) का खिताब जीतना सिर्फ हरनाज़ ही नहीं, बल्कि पंजाब (Panjab) और पूरे भारत (India) के लिए गर्व की बात है। मानसिक स्वास्थ्य (Mental health), लैंगिक समानता (Gender equality) की पैरोकार हरनाज़ क्लाइमेट चेंज (Climate change) के लिए करना चाहती हैं काम।
21 साल की मॉडल-एक्ट्रेस हरनाज़ संधू ने 79 देशों की प्रतिभागियों को हराकर मिस यूनिवर्स 2021 का ताज पहना है। यह वह समय है, जब हम सब कोविड-19 महामारी के चलते गहन आर्थिक, मानसिक दबाव से जूझ रहे हैं। यकीनन हरनाज़ को यहां तक पहुंचने में अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ी। इस कामयाबी का श्रेय वे अपने दाेस्तों, चाहने वालों, प्रशंसकों की दुआ और परिवार के सपोर्ट को देती हैं। और मानती हैं कि सकारात्मक सोच के साथ किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है।
उनसे पहले वर्ष 2000 में लारा दत्ता (Lara Dutta) ने भारत के लिए यह ताज जीता था। इस बार पराग्वे की नादिया फरेरा पहली रनर-अप थी और दक्षिण अफ्रीका की लालेला मसवाने को हराकर हरनाज़ ने यह ताज पर कब्जा जमाया। प्रतियोगिता इस्राइल के इलियट में आयोजित की जा रही थी।
मिस यूनिवर्स 2021 हरनाज़ कौर संधु पंजाब के चंडीगढ़ (Chandigarh) की रहने वाली हैं। अपने यहां तक के सफर के बारे में वे कहती हैं, “मैं पंजाब के एक पिंड की रहने वाली हूं। हमार घर का रहन-सहन बिल्कुल ट्रेडिशनल है। मैं जो यहां तक पहुंची हूं उसका श्रेय मेरे परिवार को जाता है। मेरे पेरेंट्स ने मुझे इतना सपोर्ट किया कि मैं बाहर निकल पाई।
मेरे पापा बचपन से मुझे पंजाब की शेरनी कहा करते थे और अब इंडिया की शेरनी कहने लगे हैं। मेरे भाई ने हमेशा मेरा साथ दिया कि मैं कभी भी पीछे न हटूं, जो सपने देखे हैं उनके लिए खूब मेहनत करूं और आगे बढूं। मेरी मम्मी एक डॉक्टर हैं। कोविड-19 के दौरान मैंने उन्हें दिन रात मेहनत करते देखा है।
वे बताती हैं, मेरे नाना एमएलए और वकील रह चुके हैं। उनका सम्मान हमेशा से मुझे बहुत आकर्षित करता था। उनकी मेहनत और लगन को मैं देखती थी तब मुझे लगता था कि मैं भी उन्हीं की तरह देश के लिए कुछ करूं। और मैं जज बनना चाहती थी। पर जैसे-जैसे समय बदला, मैंने जाना कि देश के लिए आप और कई तरह से काम कर सकते हैं।
मैं यही कहना चाहूंगी कि हमें अपने बच्चों को कभी भी डॉक्टर, इंजीनियर, या कुछ और बनने के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए। आज के बच्चे बहुत स्मार्ट हैं। उनके पास बहुत सारी राहें और वे अपनी मंजिल चुन सकते हैं।
सपने बदलते रहते हैं, पर लक्ष्य अडिग होते हैं। हमें अपने लक्ष्यों का पीछा करना चाहिए और उनके लिए पूरी मेहनत से जुट जाना चाहिए।
तब मुझे मॉडलिंग के बारे में कुछ नहीं पता था। न ही मैं मिस इंडिया के बारे में कुछ जानती थी, बस यही लगता था कि एक लड़की जो सबसे सुंदर होती हे, उसे मिस इंडिया का ताज पहनाया जाता है। पर यहां आकर मैंने जाना कि यह बिल्कुल अलग सफर है। जहां आपकाे हर दिन कुछ नया सीखना पड़ता है। मैं बहुत शर्मीली और संकोची स्वभाव की थी। किसी से बात करते हुए भी मुझे डर लगा करता था।
मैं बहुत दुबली पतली थी। स्कूल में मुझे बहुत बुली (Bully) किया जाता था। कुछ साल पहले आप मुझे देखते तो शायद पहचान ही नहीं पाते। मगर यहां आकर मैं उन सब चीजों ओवरकम (Overcome to body shaming) हुई और मैंने अपने आप को अभिव्यक्त करना सीखा।
मैंने जाना कि आपको किसी और के लिए नहीं जीतना है, आप जो करना चाहते हैं वह अपने लिए करें। आपकी जिंदगी में क्या होता है, क्या होने वाला है उसके लिए आपको खूब मेहनत करनी है। तभी आप अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे।
कोविड-19 महामारी के दौरान मैंने जाना कि असफलता से डरना नहीं है। यहां हर दिन एक नई चुनौती, एक नया सबक बनकर आता है। किसी भी असफलता से डरित मत। भगवान ने अगर आपको कोई चैलेंज दिया है, तो यकीनन आपको उतना ही सामर्थ्य भी दिया है। मेरा मानना है कि जिंदगी बहुत छोटी है। इसलिए यह जरूरी है कि हम उसके हर दिन, हर पल को बहुत अच्छे से जिएं।
अब हम 21 सदी में हैं। दुनिया बहुत बदल गई है। अब हमें लड़के या लड़की के तौर पर जेंडर बायस्ड (Gender Biased) बातों को बंद कर देना चाहिए। हम सभी की अपनी-अपनी क्षमताएं और कमजोरियां हैं। मैंने यह नहीं सोचा था कि मैं टॉप 20 में हाेऊंगी भी या नहीं। मैं अगर यह सोचती कि मेरा कॉम्पीटिशन इतनी सारी लड़कियों के साथ है, तो शायद मैं खुद पर ध्यान ही नहीं दे पाती। मैंने हमेशा अपने आप पर काम किया। खुद पर भरोसा किया, अपनी कमजोरियों को दूर कर, अपनी क्षमताओं को उभारने पर फोकस किया।
खूबसूरती के लिए क्या किया जाना चाहिए? इस सवाल के जवाब पर हरनाज़ कहती हैं, “सुदंरता दिखने की नहीं महसूस करने की चीज है। मेरे लिए हर वह व्यक्ति सबसे खास है, जिसका मन सुंदर है। प्यार करने वाले लोग हमेशा सुंदर होते हैं। हम सभी को भगवान ने बनाया है। मगर सुंदर या असुंदर जैसे शब्द हम लोगों ने बनाए। जब हम किसी को बुरा या बदसूरत कहते हैं, तो असल में हम भगवान की रचना का अपमान कर रहे होते हैं। और हमें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।
मैं अपने आप को इम्प्रेस करना चाहती हूं। जो कल था वो आज नहीं है, जो आज है वह कल नहीं होगा। इसलिए मैं मानती हूं कि हमें हर पल खुश रहना चाहिए। जब आप अंदर से खुश होते हैं, तो वह सुंदरता आपके चेहरे पर दिखाई देती है। इसके अलावा मैं पानी बहुत पीती हूं। पानी पीने से आपकी बॉडी हाइड्रेट (Body hydrate) रहती है, और यही सुंदरता की बेसिक जरूरत भी है।
मैं पंजाब के पिंड से हूं और पिंड का घी-मक्खन (Ghee-Butter) मुझे बहुत पसंद है। मुझे पंजाब का ट्रेडिशनल फूड बहुत पसंद है और फूडी भी हूं। खासतौर से युवाओं के लिए मैं कहना चाहूंगी कि भूखे रहकर फिट रहना, किसी भी तरह से ठीक नहीं हैं। अन्न एक किस्म की अरदास है। इसका अपमान करना ठीक नहीं। दुनिया में ऐसे भी बहुत से लोग हैं, जिन्हें खाने के लिए अन्न नसीब नहीं होता। इसलिए इसे प्यार करें, सम्मान करें। खुश होकर खाएं और खूब मेहनत करें। मैं इसके लिए हर रोज योगा करती हूं। योग, कुकिंग और पंजाबी फूड मेरी जान है।
मैं कुकिंग (Cooking) भी करती हूं। मुझे राजमा-चावल (Rajma-chawal) और मक्के की रोटी (Makke ki roti) बहुत पसंद है। मेरी मम्मी डॉक्टर हैं, कोविड के टाइम पर उन्होंने बहुत मेहनत की। उन्हें रोज जाना होता था, मैं कुकिंग किया करती थी। मेरे पापा भी कहते हैं कि हर इंसान को गाड़ी चलाना और खाना बनाना जरूर आना चाहिए।
मम्मी कहती हैं, कि जब भी खाना बनाओ तो अरदास करके बनाओ। इससे खाने वाले को भी उसका पूरा लाभ मिलता है। आपके सकारात्मक भाव, खाने वाले तक भी पहुंचे और उसकी सेहत को लगे। मुझे मम्मी के हाथ का खाना बहुत पसंद है। पर मम्मी कहती हैं कि मैं उनसे भी अच्छा खाना बनाती हूं।
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